Jharkhand Lumpy Virus: झारखंड में लंपी वायरस का कहर, चार दिन में चार पशुओं की मौत; रांची के सात प्रखंडों में फैला संक्रमण
झारखंड में लंपी वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। रांची के सात प्रखंडों में वायरस का संक्रमण फैल चुका है। चार दिन में चार मवेशियों की मौत हो चुकी है। एपिक जोन बनाकर टीकाकरण किया जा रहा है।
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कई राज्यों में कोहराम मचा रहे लंपी वायरस का आतंक झारखंड में भी बढ़ता जा रहा है। देवघर व हजारीबाग के साथ रांची के सात प्रखंडों (नगड़ी, चान्हो, मांडर, लापुंग, ओरमांझी, सोनहातू व राहे) में वायरस फैलने की आशंका है। इन क्षेत्रों में कई मवेशी बीमार हैं। बीते चार दिनों में राज्य में लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित (संदिग्ध) चार मवेशी की मौत हो चुकी है।
तीन दिन पहले चान्हो में जहां सबसे पहले एक बछड़े की मौत हुई थी। मंगलवार को उसी क्षेत्र में एक गाय ने जान गंवा दी। वहां एक और गाय की स्थिति काफी खराब है। बुधवार को मांडर में भी दो गाय की मौत हुई है। मांडर में करगे पंचायत निवासी सुभान अंसारी एवं नगरा पंचायत के बरटोली निवासी जुमाउद्दीन के गाय के भी मरने की सूचना है। हालांकि जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि मांडर में एक ही गाय की मौत हुई है। वह लगभग एक सप्ताह से बीमार थी। किसान उसका इलाज क्वेक से करा रहे थे।
एपिक जोन बनाकर किया जा रहा टीकाकरण
रांची जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि चान्हो, मांडर समेत अन्य प्रखंडों में भी बीमार पशुओं को आइसोलेट करते हुए एपिक जोन बनाया गया है। तीन किमी के दायरे में एपिक जोन बनाकर टीकाकरण किया जा रहा है। सैंपल कलेक्ट कर उसे एलआरएस, कांके भेजा गया है। जहां से आईसीएआर लैब भोपाल भेजा जाएगा। जांच के बाद ही लंपी की आधिकारिक पुष्टि हो पाएगी।
हालांकि, फिलहाल स्थानीय स्तर पर टीका खरीदकर टीकाकरण किया जा रहा है। लेकिन स्थानीय स्तर पर टीका उपलब्धता कम होने की वजह से पर्याप्त संख्या में टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। बुधवार को वर्धमान से तीन वायल टीका मंगाया गया। रांची में कहीं भी टीका नहीं मिल पा रहा है।