'एक को फांसी और एक को कुछ नहीं...', सदस्यता गंवाने के बाद छलका लोबिन हेम्ब्रम का दर्द
हेम्ब्रम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और झामुमो के उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनौती दी थी। जिसके बाद हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था।
हाल ही में अपनी विधानसभा सदस्यता गंवाने वाले पूर्व झामुमो विधायक लोबन हेम्ब्रेम ने बागी तेवर अपनाते हुए सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने राज्य में मुस्लिमों के हावी होने का मुद्दा उठाते हुए हेमंत सोरेन सरकार पर मुस्लिम वोटबैंक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अवैध घुसपैठियों के कारण प्रदेश में आदिवासियों की आबादी 10 प्रतिशत घट गई है।
इसके अलावा उन्होंने विधायकी रद्द करने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने झारखंड विधानसभा में जनहित के मुद्दों में शामिल होने की लिए सदस्यता बहाल करने की अपील की है।
एक ही अपराध के लिए दो अलग-अलग सजा
हेम्ब्रम ने कहा कि 'झारखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई है। पार्टी के लोगों ने ही स्पीकर के माध्यम से जबरन मेरी सदस्यता खत्म करवा दी।' आगे उन्होंने कहा, 'दुख इस बात का है कि उनके साथ-साथ चमरा लिंडा ने भी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।' इस पर तकलीफ जताते हुए उन्होंने कहा कि, 'एक ही अपराध के लिए एक को फांसी दे दी गई और एक को कुछ नहीं किया गया।'
प्रदेश में मुस्लिम जनसंख्या हो रही हावी
आगे हेम्ब्रम ने प्रदेश की झामुमो सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के संथाल इलाके में मुस्लिम हावी होते जा रहे हैं, जबकि आदिवासी कमजोर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है, और सरकार सिर्फ वोटबैंक बनाने में लगी हुई है। जिसका खामियाजा झारखंड समेत पूरे देश को भुगतना पड़ेगा।
आदिवासियों की आबादी तेजी से घट रही
भाजपा के आरोपों को आगे बढ़ाते हुए हेम्ब्रम ने कहा कि मुस्लिम लोग आदिवासी महिलाओं से शादियां करके आदिवासियों इलाकों में घुसपैठ कर रहे हैं। जिससे कि आदिवासियों की आबादी 36 से घटकर 26 प्रतिशत हो गई है।
बता दें कि गुरुवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल रोधी कानून के तहत दो विधायकों झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के लोबिन हेम्ब्रम और कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल को सदन से अयोग्य ठहराया था। झामुमो और भाजपा ने क्रमशः हेम्ब्रम और पटेल के खिलाफ दलबदल रोधी कानून के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग उठाई थी।
दरअसल हेम्ब्रम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और झामुमो के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनौती दी थी। जबकि पटेल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उन्होंने हजारीबाग सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि दोनों ही चुनाव हार गए थे।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा, ‘जय प्रकाश भाई पटेल ने स्वेच्छा से अपनी मूल राजनीतिक पार्टी भाजपा की सदस्यता छोड़ दी है, जैसा कि उपरोक्त तथ्यों और माननीय सदस्य के आचरण से स्पष्ट है।’ अध्यक्ष ने झामुमो के हेम्ब्रम पर भी इसी तरह की टिप्पणी की। महतो ने कहा कि इसलिए पटेल और हेम्ब्रम को 26 जुलाई से पांचवीं झारखंड विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाता है।