Landslide at ECL Mugma Kapasara Outsourcing located in Dhanbad Jharkhand झारखंड के धनबाद में फिर धंसी जमीन, हादसे के वक्त मौजूद थे 10-12 मजदूर; अवैध खनन बनी वजह, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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झारखंड के धनबाद में फिर धंसी जमीन, हादसे के वक्त मौजूद थे 10-12 मजदूर; अवैध खनन बनी वजह

झारखंड के धनबाद में फिर से भू-धसान की घटना हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक धनबाद के ईसीएल मुगमा एरिया अंतर्गत कापासारा आउटसोर्सिंग में भू-धसान की घटना हुई है। 1 सप्ताह पहले भी ऐसा हुआ था।

Suraj Thakur लाइव हिन्दुस्तान, धनबादSun, 22 Jan 2023 12:56 PM
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झारखंड के धनबाद में फिर धंसी जमीन, हादसे के वक्त मौजूद थे 10-12 मजदूर; अवैध खनन बनी वजह

झारखंड के धनबाद में फिर से भू-धसान की घटना हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक धनबाद के ईसीएल मुगमा एरिया अंतर्गत कापासारा आउटसोर्सिंग में भू-धसान की घटना हुई है। बताया जाता है कि 100 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े इलाके में धरती खिसक गई है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि भू-धसान तकरीबन 10 मीटर गहरा है। कहा जा रहा है कि हादसे के वक्त वहां 10-12 मजदूर थे जो अवैध उत्खनन के काम में लगे थे। हालांकि, अभी तक किसी भी व्यक्ति के हताहत होने को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 

धनबाद में अक्सर होती है भू-धसान की घटना
बता दें कि 1 सप्ताह पहले भी जिले में भू-धसान की घटना सामने आई थी जिसमें 1 महिला की मौत हो गई थी। 18 नवंबर 2022 को भी धनबाद के ईसीएल मुगमा एरिया अंतर्गत कापासारा आउटसोर्सिंग में ही भू-धंसान की घटना सामने आई थी। उस वक्त स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने 25-30 मजदूरों को वहां भूमिगत खनन के लिए जाते देखा था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका था। बता दें कि धनबाद में विशाल भूभाग में कोल माइंस है। यहां विशाल भूमिगत कोल माइंस है जहां लंबे समय से नियम-विरुद्ध खनन की शिकायतें सामने आती है। कहा जाता है कि अवैध खनन और नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह से अक्सर यहां भू-धंसान अथवा भूस्खलन की घटना सामने आती है। 

झरिया में 70 बस्तियां सेंसेटिव घोषित हो चुकी हैं
बता दें कि धनबाद के झरिया में कम से कम 70 बस्तियों को धंसान अथवा प्राकृतिक आजगनी की वजह से सेंसेटिव घोषित किया गया है। केंद्रीय कोयला मंत्रालय के निर्देश पर आगामी 3 महीने में इन बस्तियों में रहने वाले तकरीबन 60 हजार लोगों को अन्यंत्र हस्तांतरित किया जाना है। यहां अक्सर खेतों, घरों के आंगन और तालाबों में आग की लपटें उठने लगती है। धुआं निकलता है। जमीन फट जाती है और बड़ी-बड़ी दरारें बन जाती है। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां जमीन में गोफ बनने की वजह से लोग उसमें समा गए।