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जॉब्स: रिम्स में नर्स और थर्ड-फोर्थ ग्रेड के कर्मी स्थाई रूप से बाहल होंगे 

रिम्स प्रबंधन ने 1500 बेड के लिए नर्सों के 2442 पदों के सृजन और पूर्व से स्वीकृत नर्सों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के भी रिक्त  566 पदों पर...

जॉब्स: रिम्स में नर्स और थर्ड-फोर्थ ग्रेड के कर्मी स्थाई रूप से बाहल होंगे 
रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 07 Feb 2019 06:21 PM
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रिम्स प्रबंधन ने 1500 बेड के लिए नर्सों के 2442 पदों के सृजन और पूर्व से स्वीकृत नर्सों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के भी रिक्त  566 पदों पर नियुक्ति की प्रकिया शुरू कर दी गई है। रिम्स प्रबंधन ने इस बाबत विस्तृत ब्योरा तैयार कर लिया है। इसे शीघ्र ही रिम्स शासी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की अनुमति लेकर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

रिम्स की शासी परिषद की 16 नवंबर 2018 को हुई बैठक में फैसला लिया गया था कि रिम्स में अब आउटसोर्स एजेंसी के तहत कर्मी नहीं रखे जाएंगे। शासी परिषद की अगली बैठक 12 फरवरी को होगी। बैठक में पिछली कार्रवाई की जानकारी देने के लिए रिम्स प्रबंधन ने नियुक्ति का पूरा विवरण भी तैयार कर लिया है।  

3004 की जगह कार्यरत हैं सिर्फ 392 नर्सें
रिम्स में 1500 बेड के लिए आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) के मानक के अनुसार ए ग्रेड की 2709, वार्ड सिस्टर (लाल बेल्ट) की 270, सहायक मात्रिका की 17, नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट की तीन और डिप्टी नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट के लिए पांच नर्सों की जरूरत है। ए ग्रेड में आईसीयू के लिए 608, डायलिसिस, कैथलैब व सीटीवीएस के लिए 250, ओटी के लिए 160, ओपीडी के लिए 26 और जनरल वार्ड के लिए 1665 नर्सों की जरूरत है। जबकि, रिम्स में पूर्व से स्वीकृत ए ग्रेड की 536 और वार्ड सिस्टर की 26 पदों के विरुद्ध ए ग्रेड में 386 और वार्ड सिस्टर के रूप में महज 6 नर्सें ही कार्यरत हैं। यानी रिम्स में जरूरत जहां 3004 नर्सों की है, कार्यरत महज 392 हैं। यही वजह है, जिस कारण लाख प्रयास के बाद भी रिम्स की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले पा रही है। 

तृतीय वर्ग में आधे पद खाली
रिम्स में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की स्थिति भी अच्छी नहीं है। चतुर्थ श्रेणी के लिए स्वीकृत 596 पदों के विरुद्ध महज 131 कर्मचारी कार्यरत हैं। चतुर्थ श्रेणी के 596 पदों में से 465 पद रिक्त पड़े हैं। तृतीय श्रेणी के कुल 208 पद सृजित हैं, जिसमें से 101 पद खाली पड़े हैं। इन पदों में भी सर्वाधिक पद ऐसे हैं, जो सीधे-सीधे मरीजों से जुड़े हैं। ओटी अटेंडेंट के लिए स्वीकृत 17 पदों में से 10 पद जहां खाली पड़े हैं, लैब टेक्नीशियन के लिए स्वीकृत 29 पद रिक्त हैं। छात्रों के लिए अतिआवश्यक लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन व असिस्टेंट लाइब्रेरियन के सभी चार पद रिक्त हैं।

जीबी ने लिया है स्थाई नियुक्ति का फैसला
नवंबर में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सह जीबी के अध्यक्ष रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा था कि एजेंसी के तहत रखे गए कर्मियों के लिए रिम्स जहां ज्यादा भुगतान करता है, एजेंसी उन्हें काफी कम भुगतान करती है। जीबी में निर्णय लिया गया था कि रिम्स में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के जो रिक्त पद हैं, उनपर दो माह के अंदर स्थाई नियुक्ति की जाएगी। साथ ही 89 दिनों के लिए की जानेवाली 100 नर्सों की नियुक्ति के फैसले को जीबी ने रद्द करते हुए 222 नर्सों की स्थाई नियुक्ति का फैसला लिया था। लंबे समय से अस्थाई रूप में कार्यरत योग्य कर्मियों को स्थाई नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि ये सभी स्थाई नियुक्तियां दो माह के अंदर एजेंसी के माध्यम से की जाएंगी।  

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