Jharkhand Weather Update: 6 दिन की देरी से प्रवेश कर सकता है मानसून, जानिए कैसी होगी बारिश
झारखंड में मानसून इस साल देरी से दस्तक देगा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि केरल में बंगाल की खाड़ी से मानसून का प्रवेश 4 जून के आसपास होगा। इसका आंशिक असर झारखंड में भी होने की संभावना है।
झारखंड में मानसून इस साल देरी से दस्तक देगा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि केरल में बंगाल की खाड़ी से मानसून का प्रवेश 4 जून के आसपास होगा। इसका आंशिक असर झारखंड में भी होने की संभावना है। सामान्य तौर पर झारखंड में मानसून (14-15) जून के आसपास प्रवेश करता है लेकिन इस बार 6 दिन की देरी से 20 जून को दस्तक देगा। हालांकि यदि सामान्य रुख में ज्यादा बदलाव हुआ तो थोड़ी और देरी हो सकती है।
मानसून में देरी चिंताजनक बात
मानसून में देरी ही केवल चिंताजनक बात नहीं है, समस्या यह भी है कि मौसम विभाग ने पहले ही प्रदेश में औसत से 5 फीसदी कम बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। बता दें कि बंगाल की खाड़ी की ओर से केरल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाला मानसून झारखंड में मध्य जून को दस्तक देता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी इसमें अहम भूमिका अदा करते हैं। मौसम विभाग का कहना है कि आमतौर पर झारखंड में 1-22 मिमी बारिश होती रही है लेकिन इस बार सामान्य से 5 फीसदी कम बारिश होगी।
1 जून को केरल में मानसून का प्रवेश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि आमतौर पर केरल में मानसून 1 जून तक प्रवेश करता है। हालांकि, मौसमी रुख की वजह से कभी इसमें 1 सप्ताह की देरी या जल्दी होने की संभावना रहती है। हालांकि, पूरे देश की बात की जाए तो आईएमडी ने सामान्य बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। यदि बारिश होती है तो खाद्यान्न का उत्पादन अच्छा रहेगा।
मानसून की दगाबाजी से पड़ा था सूखा
गौरतलब है कि पिछले साल झारखंड में मानसून ने दगाबाजी की। प्रदेश के अधिकांश जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई। संताल परगना के 6 जिले तो बूंद-बूंद को तरसे। परिणाम यह हुआ कि धान की खेती नहीं हुई। किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। कृषि राहत योजना के तहत राज्य सरकार ने तो किसानों को प्रति परिवार 3500 रुपये की सहायता की लेकिन केंद्र की तरफ से ऐसी सहायता नहीं आई। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक टीम ने स्थिति का जायजा लिया था। बता दें कि सरकार के कृषि विभाग ने पिछले वर्ष प्रदेश के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था। इस बार सरकार और किसान, दोनों ही उम्मीद करेंगे कि मानसून में अच्छी बारिश हो।