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Jharkhand News : आदिवासी सरना धर्म कोड पर कैबिनेट की लगी मुहर

राज्य सरकार 2021 में होने वाली जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड का प्रवाधान लागू करने का प्रस्ताव भेजेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे...

Jharkhand News : आदिवासी सरना धर्म कोड पर कैबिनेट की लगी मुहर
रांची। विशेष संवाददाताTue, 10 Nov 2020 12:57 AM
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राज्य सरकार 2021 में होने वाली जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड का प्रवाधान लागू करने का प्रस्ताव भेजेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। अब इस प्रस्ताव को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। विशेष सत्र 11 नवंबर को आयोजित होगा। बैठक में 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
 
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने बताया कि कई वर्षों से राज्य में सरना धर्म को मानने वाले लोग, संस्था, पूर्व और वर्तमान विधायक जनगणना 2021 में सरना धर्म कोड को शामिल कराने के लिए आंदोलन करते आ रहे हैं। सरकार ने इस पर संज्ञान लेकर विचार किया और आदिवासी / सरना धर्म कोड को लागू करने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में रखा गया। मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

सरना धर्म के लिए अंक क्रमांक सात की मांग : एक्का ने बताया कि जनगणना में आदिवासी सरना धर्म कोड के लिए अंक क्रमांक सात की मांग का प्रस्ताव भेजा जाएगा। पिछली जनगणना के दौरान परिवार की अनुसूचित में जनगणना वाले प्रसंग सात पूछते हैं। इस कॉलम में धर्म का पूरा नाम लिखना होता है। यदि सूची में धर्म हो तो उसके बॉक्स (खाना) में कोड भी दें। अन्य धर्मों के लिए धर्म का पूरा नाम लिखें, लेकिन कोई कोड नंबर न दें। 2011 के जनणगना के कोड में हिन्दू के लिए एक, मुसलमान के लिए दो, ईसाई तीन, सिख चार, बौध पांच और जैन के लिए छह अंकित था। लेकिन, सरना, आविवासी या अन्य धर्म को मानने वालों के लिए कोई कोड नहीं था। इसलिए मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि सरना धर्म कोड को राज्य में लागू किया जाए। जनगणना 2021 के धर्म कॉलम में आदिवासी सरना धर्म मानने वालों के लिए अंक क्रमांक सात रखा जाए।

धान देते ही किसानों को मिल जाएगी आधी राशि : कैबिनेट सचिव अजय कुमार ने बताया कि किसानों से धान खरीद के लिए धान अधिप्राप्ति योजना के स्वरूप की स्वीकृति दी गई। इसके तहत साधारण किस्म का धान 1868 रुपये और ग्रेड ए का धान 1888 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। दोनों श्रेणी के धान पर 182 रुपये प्रति क्विंटल बोनस मिलेगा। इस प्रकार किसानों को साधारण धान की कीमत 2050 और ग्रेड ए 2070 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगी। बड़ा फैसला यह भी है कि धान देते वक्त ही किसानों को 50 फीसदी राशि उनके बैंक खाते में डाल दी जाएगी। शेष पचास प्रतिशत पूर्व की व्यवस्था के तहत दी जाएगी। धान खरीद का लक्ष्य 4.5 लाख टन रखा गया है। गढ़वा, पलामू और चतरा में एफसीआई की सहमति से खरीदा जाएगा अन्य जिलों में जेएसएफसीएस के माध्यम से खरीद होगी। 

चना का बीज 9800 प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा : चना का बीज राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड द्वारा 9800 प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। टेंडर में एक ही एजेंसी आने पर राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड नई दिल्ली को नामित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। 

अंक के आधार पर बीएड में होगा दाखिला : कोरोना के कारण एनसीटी रेगुलेशन 2014 के आलोक में राज्य के मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज में सत्र 2020-22 के लिए नामांकन के लिए प्रतियोगिता परीक्षा नहीं होगी। दाखिला स्नातक में अंकों के आधार पर होगा। इसके लिए मेधा सूची तैयार करने एवं काउंसिलिंग एजेंसी के रूप में जेसीईसीबी को प्राधिकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। 
 

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