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खून की दलालीः 25 सौ लेकर थमाया नकली खून, 17 माह की बच्ची की जान सांसत में

रक्त दलाल की पीड़ित परिजन से 2500 रुपए की कीमत लेकर एक यूनिट ब्लड देने की बात हुई। बच्ची के परिजन अज्ञात व्यक्ति से रक्त लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर व एएनएम ने उक्त ब्लड चढ़ाने से इनकार कर दिया।

खून की दलालीः 25 सौ लेकर थमाया नकली खून, 17 माह की बच्ची की जान सांसत में
हिन्दुस्तान,देवघरMon, 23 May 2022 09:35 AM
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बिहार से मासूम का इलाज कराने झारखंड पहुंचा एक व्यक्ति देवघर में खून के दलालों की साजिश में फंस गया। दलाल तो फरार हो गया लेकिन यह शख्स दोनों ओर से लुट गया। दलालों ने रूपए लेकर नकली खून थमा दिया तो 17 माह की बच्ची की जान खतरे में है।

थैलेसीमिया बीमारी से परेशान बिहार के बेलहर बसमत्ता गांव निवासी बीरेंद्र यादव की 17 माह की बच्ची मामा दिनेश कुमार यादव के साथ शनिवार को सदर अस्पताल इलाज कराने पहुंची। उसी दौरान ऑनड्यूटी डॉक्टर ने बच्ची को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने की बात कही।

बच्ची के परिजन खून की तलाश को लेकर पुराना सदर अस्पताल ब्लड बैंक पहुंचे और जानकारी ली। वहीं मौजूद एक अज्ञात व्यक्ति के संपर्क में आ गए। रक्त दलाल की पीड़ित परिजन से 2500 रुपए का सौदा कर एक यूनिट ब्लड देने की बात

हुई। बच्ची के परिजन अज्ञात व्यक्ति से रक्त लिया और सदर अस्पताल पहुंचे। ऑनड्यूटी डॉक्टर व एएनएम ने परिजन द्वारा लाये गये ब्लड को आर्टिफिशियल ब्लड होने की जानकारी देते हुए उसे बच्चे को चढ़ाने से इंकार कर दिया।

इसकी जानकारी परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक व बैद्यनाथधाम ओपी प्रभारी को दे दी है। ओपी प्रभारी ने घटना की जानकारी नगर थाना प्रभारी को दे दी। सूचना मिलते ही नगर थाना प्रभारी मामले की जांच पड़ताल को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे।

परिजनों से जानकारी ली

बच्ची के मामा दिनेश कुमार यादव ने पुलिस को बताया कि उनकी भांजी काफी गंभीर थी। उसे डॉक्टर ने ब्लड चढ़ाने की बात कही। ब्लड लेने के लिए पुराना सदर अस्पताल अवस्थित ब्लड बैंक गया था। अज्ञात व्यक्ति से परिचय हुआ और 2500 रुपए में एक यूनिट ब्लड देने की बात कही। बच्ची के मामा तैयार हो गए और उस युवक को 2500 रुपए देकर ब्लड ले लिया। ब्लड लेकर सदर अस्पताल पहुंचने के बाद ब्लड आर्टिफिशियल होने की बात कही गयी।

पैकेट पर मुहर और ब्लड ग्रुप नहीं रहने से परेशानी

देवघर में इलाजरत थैलेसीमिया बीमारी पीड़ित 17 माह की बच्ची के मामा दिनेश कुमार यादव द्वारा अपनी भांजी को चढ़ाने के लिए लाए गए ब्लड के पैकेट पर ना सदर अस्पताल का कोई मोहर था और ना ही ब्लड ग्रुप अंकित था, जिस कारण ऑनड्यूटी डॉक्टर व एएनएम ने ब्लड चढ़ाने से इंकार कर दिया।


आर्टिफिशियल ब्लड की होगी जांच : थाना प्रभारी शिकायत के आधार पर जांच करने पहुंचे नगर थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आर्टिफिशियल ब्लड जब्त कर लिया है। उन्होंने उपस्थित पीड़ित के परिजन व डॉक्टर को कहा कि ब्लड की जांच लैब के माध्यम से करायी जाएगी। उसके बाद ही पता चल पाएगा की ब्लड किस प्रकार का है।


अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी

थाना प्रभारी ने बताया कि आवेदन पर नगर थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। जगह-जगह सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। अगर युवक की पहचान हो जाती है तो नामजद पर केस दर्ज कर लिया जाएगा, अन्यथा अज्ञात पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

शहर में चल रहा है बड़ा खेल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देवघर में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में दुर्घटना हो रही है। ब्लड की मांग तेज हो रही है। ऐसे में कई तरह के ब्लड के खेल चल रहे हैं। अगर विभाग इसकी जांच करती है तो बड़े मामले का खुलासा हो सकता है।

क्या कहते हैं सदर अस्पताल उपाधीक्षक

मामले में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. प्रभात रंजन ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। बताया कि सदर अस्पताल के ऑनड्यूटी डॉक्टर दिवाकर पासवान ड्यूटी पर थे। परिजन द्वारा ब्लड लाया गया। उसपर सरकारी स्टांप नहीं और ना ही ब्लड ग्रुप अंकित था। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन द्वारा ब्लड चढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई। कहा कि ब्लड की जांच करनी चाहिए। पर्दे के पीछे खेल चल रहा है। उसपर अविलंब रोक लगानी चाहिए। कहा कि जानकारी सीएस को दी जाएगी। उसके बाद सीएस द्वारा फर्जी ब्लड का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

 

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