केंद्रीय विद्यालय झारखंड में अवैध नियुक्ति को लेकर जांच शुरू, MOI की पांच सदस्यीय टीम पहुंची रांची
केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति संबंधी जांच शुरू हो गई है। मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (एमओई) की पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए रांची पहुंची। टीम ने मंगलवार को चेरी...
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केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति संबंधी जांच शुरू हो गई है। मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (एमओई) की पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए रांची पहुंची। टीम ने मंगलवार को चेरी मनातू स्थित सीयूजे कैंपस में अधिकारियों से मिलकर जानकारी ली। साथ ही नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेज मांगा। सीयूजे में जून 2017 से अगस्त 2020 के बीच हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इनमें 50 शिक्षकों व 62 शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति हुई है।
इनमें से ज्यादातर नियुक्तियां तत्कालीन कुलपति नंद कुमार यादव इंदु के कार्यकाल में हुई हैं। एमओई को नियुक्तियों में अनियमितता, गाइडलाइन की अनदेखी सहित अन्य कई शिकायतें मिली थीं। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन, ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को पत्र लिखा था।
नियुक्तियों में आरक्षण व पद सृजन आदि पहलुओं की अनदेखी किए जाने की शिकायत एमओई को गई थी। इसमें कहा गया है कि तत्कालीन कुलपति डॉ नंद कुमार यादव ने नियमों की अनदेखी कर नियुक्तियां की थीं। नियुक्त हुए लोगों में कुछ कुलपति के रिश्तेदार भी बताए जा रहे हैं। पूर्व कुलपति के एक रिश्तेदार को मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) में नौकरी देने का आरोप है जबकि एक अन्य करीबी रिश्तेदार को ईको सिक्युरिटी में जगह देने की शिकायत की गई है। इसी तरह जूनियर इंजीनियर और फार्मासिस्ट के पद पर बहाली पर भी सवाल उठाये गये हैं। प्राइवेट सेक्रेटरी और लाइब्रेरियन के पद पर हुई की नियुक्ति पर भी आरोप लगाये गये हैं।
शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति पर आरटीआई के माध्यम से पूछे गए सवाल के जवाब में यूजीसी ने जुलाई 2019 में स्पष्ट किया था कि सीयूजे ने रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, आतंरिक लेखा अधिकारी, लाइब्रेरियन, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, जूनियर इंजीनियर (सिविल और इलेक्ट्रिकल), हिन्दी अनुवादक, प्रोफेशनल असिस्टेंट, सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, सिक्योरिटी इंस्पेक्टर, लेबोरेटरी व लाइब्रेरी असिस्टेंट-अटेंडेंट, मल्टी टास्किंग स्टाफ और इन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट की नियुक्ति नियमावली अब तक न तो बनाई है और न ही वह स्वीकृत है। एमओई की पांच सदस्यीय टीम को निफ्ट हटिया परिसर में ठहराया गया है। हालांकि, पूरे मामले पर सीयूजे अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की।