लड़की के ट्रैक्टर चलाने पर पंचायत ने लगाया जुर्माना, नहीं मानने पर सुनाया बहिष्कार का फरमान
मंगलवार को मंजू उरांव (22) जब ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने उसे रोक दिया। गुमला में केओ कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा मंजू उरांव किसान भी है।
इस खबर को सुनें
झारखंड में आदिवासी महिला को ट्रैक्टर चलाना महंगा पड़ गया। दरअसल, गुमला में अंधविश्वास को लेकर गांववालों ने महिला को ट्रैक्टर चलाने की सजा दी है। गांव के पंचायत ने यह फरमान जारी किया कि उसे पूरे समाज से माफी मांगनी पड़ेगी। यही नहीं, उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
मंगलवार को मंजू उरांव (22) जब ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने उसे रोक दिया। गुमला में केओ कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा मंजू उरांव किसान भी है। उनके परिवार की छह एकड़ जमीन के अलावा ग्रामीणों से 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर धान, मकई, टमाटर, आलू की खेती दो वर्षों से करती आ रही है।
खेती से हुई आमदनी से उन्होंने एक पुराना ट्रैक्टर खरीदा है। लेकिन जब वह इस ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने लगी तो गांववालों ने अंधविश्वास में आकर अपशकुन बता कर रोक दिया। इसके बाद जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही पंचायत ने उसे दोबारा ट्रैक्टर नहीं चलाने की हिदायत भी दी है। यहां तक कि पंचायत का फरमान नहीं मानने पर मंजू का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।
वहीं, मंजू उरांव ने कहा कि लड़की जब आसमान छू सकती है तो खेती क्यों नहीं कर सकती। ऐसे में मंजू ने पंचायत का फरमान मानने से इंकार कर दिया। मंजू का कहना है कि उसे खेती में काफी रुचि है। केसीसी लोन के लिए उसके पिता और उसने आवेदन किया था, लेकिन लोन नहीं मिला और खेतों में भी कहीं सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है।