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नशे के पौधों को बचपन में मारा, नहीं तो ये युवाओं को गिरफ्त में लेते, देखें कैसी होती है अफीम बनाने वाली फसल

राजधानी रांची से सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर नशे की पौध का कारोबार हो रहा है। पैसे कमाने की लालच में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है। रविवार को खूंटी पुलिस ने करीब ढाई एकड़ में लगी अफीम की...

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खूंटी, संवाददाताMon, 10 Dec 2018 01:43 AM
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राजधानी रांची से सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर नशे की पौध का कारोबार हो रहा है। पैसे कमाने की लालच में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है। रविवार को खूंटी पुलिस ने करीब ढाई एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया। इस बार पुलिस ने पौधों के काफी छोटे रहने पर ही नष्ट कर दिया। 
 

इस बार पुलिस ने पहले की कार्रवाई
कई बार सूचना नहीं मिलने के कारण पोस्ते (अफीम) के पौधे बड़े हो जाते थे और इनसे अफीम निकाल ली जाती थी। बाद में पुलिस को सूचना मिलती थी तो फसल को नष्ट किया जाता था। इस बार पुलिस ने पहले ही छोटे पौधों को नष्ट कर दिया है। अफीम का प्रयोग ज्यादातर नशे के लिए किया जाता है। युवा सर्वाधिक इसकी गिरफ्त में आते हैं। 
 

खेत मालिक का पता लगाने में जुटी पुलिस
पुलिस रविवार को सनहा दर्ज कर खेत के मालिक और अफीम के खेतिहर का पता लगाने में जुट गई है। एसपी आलोक के निर्देष पर एसडीपीओ कुलदीप कुमार, मारंगहादा के थानेदार पप्पू शर्मा, सब इंस्पेक्टर भजन लाल महतो विरेंद्र सिंह, एएसआई मोहन ठाकूर, जुमराती अंसारी समेत काफी संख्या में सशस्त्र बल मारंहादा पहुंचे। जहां पहले से चिन्हित की गई अफीम की खेती नष्ट की गई। पुलिस की दबिश और लगातार हो रही कार्रवाई से घबराकर कुछ गांवों में अफीम के खेतिहर स्वंय खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर रहे हैं। 

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