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मुश्किल: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की गिरफ्तारी का आदेश 

वर्ष 2012 में हजारीबाग के केरेडारी में पुलिस पर जानलेवा हमला करने, सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केस की समीक्षा के बाद बड़कागांव एसडीपीओ...

मुश्किल: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की गिरफ्तारी का आदेश 
रांची, मुख्य संवाददाताTue, 19 Mar 2019 02:05 AM
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वर्ष 2012 में हजारीबाग के केरेडारी में पुलिस पर जानलेवा हमला करने, सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केस की समीक्षा के बाद बड़कागांव एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने योगेंद्र की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। फरार रहने की स्थिति में योगेंद्र साव के खिलाफ कुर्की जब्ती की कार्रवाई  का आदेश दिया गया है। 

आईओ की लापरवाही से मिली थी क्लीनचिट
इस मामले में योगेंद्र साव को तत्कालीन अनुसंधानकर्ता मुक्ति नारायण सिंह  ने क्लीनचीट दे दिया था। डीएसपी ने समीक्षा के दौरान पाया कि योगेंद्र साव की संलिप्तता की बिंदु पर जांच किए बिना ही उनकी संलिप्तता नहीं होने का उल्लेख जांच अधिकारी ने कर दिया था। डीएसपी ने रिपोर्ट में लिखा है कि केस के तत्कालीन जांच अधिकारी अभियुक्त को लाभ पहुंचाना चाहते थे। उन्हें कर्तव्यहीनता, अभियुक्त को सीधे लाभ पहुंचाने की मनोवृति वाला बताते हुए उचित कार्रवाई की अनुशंसा डीएसपी ने की है। 

क्या है मामला
28 मई 2012 को केरेडारी में नाजायज मजमा लगाकर पुलिस बलों पर हमला करने के आरोप में 24 नामजद व 80 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। हमले में पुलिसकर्मी जयप्रकाश राम, प्रदीप पासवान, द्वारिका राम, सविता देवी, ज्योति प्रिया, आदि जख्मी हो गए थे। तत्कालीन थानेदार के बयान पर योगेंद्र साव, द्रौपदी देवी, चंदर साव, लखन महतो, अजय सिंह, मुकेश कुमार, रीतलाल राणा, गीता देवी, देवंति देवी, सरिता देवी, वसंती देवी, नैना देवी समेत अन्य आरोपित बने थे। जांच के बाद पुलिस ने कई आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया था।  

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