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अच्छी खबर! बाबाधाम के प्रसिद्ध पेड़ा को मिलेगी ग्लोबल पहचान, जल्द ही मिलेगा जीआई टैग

अच्छी खबर! मंदिरों के शहर और झारखंड के देवघर स्थित देश के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक प्रसिद्ध बाबाधाम के पेड़ा को जल्द ही जीआई टैग मिल सकता है। लोकप्रिय मिठाई और प्रसाद के तौर पर मिलने वाले पेड़ा को...

अच्छी खबर! बाबाधाम के प्रसिद्ध पेड़ा को मिलेगी ग्लोबल पहचान, जल्द ही मिलेगा जीआई टैग
सुभाष मिश्रा, धनबाद, हिटी।Thu, 24 Sep 2020 05:32 PM
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अच्छी खबर! मंदिरों के शहर और झारखंड के देवघर स्थित देश के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक प्रसिद्ध बाबाधाम के पेड़ा को जल्द ही जीआई टैग मिल सकता है। लोकप्रिय मिठाई और प्रसाद के तौर पर मिलने वाले पेड़ा को भौगोलिक संकेतक जीआई (Geographical Indicator) (GI Tags) दिलवाने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिया है।

इस संबंध में देवघर के डिप्टी कमिश्नर कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि बाबाधाम पेड़ा की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए जिला प्रशासन ने जीआई टैग के लिए आवेदन करने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि बाबाधाम का पेड़ा प्रसाद के तौर पर देश भर में प्रसिद्ध है और साल भर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले करोड़ों भक्तों इसे खरीदते हैं और रिश्तेदारों के लिए ले जाते हैं। कहा कि पेड़ा के लिए जीआई टैग का महत्वाकांक्षी प्रस्ताव काफी पुराना है, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने प्रस्ताव को जल्द से जल्द जमीन पर लागू करने के लिए कदम उठा रही है।

जिला प्रशासन जल्द ही चेन्नई स्थित जीआई रजिस्ट्री में बाबाधाम पेड़ा के जीआई टैग के लिए अप्लाई करेगा। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में खोए से बनी इस मिठाई को प्रसाद के रूप में नहीं चढ़ाया जाता है, लेकिन समय के साथ यह मिठाई एक तरह की परंपरा बन गई है कि मंदिर शहर में आने वाले अधिकतर श्रद्धालु पेड़ा खरीदकर इसे घर वापस ले जाते हैं।

जीआई टैग के लिए पहल करते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को बाबाधाम पेड़ा ट्रेडर्स एसोसिएशन (BPTA) के साथ विकास भवन में बैठक की और जिले के नियमित पेड़ा व्यापारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया।

देवघर के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) शैलेन्द्र कुमार लाल ने एक बैठक में जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों के साथ प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए उन्हें पेड़ा के जीआई टैगिंग के लिए कदम उठाने के आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जीआई टैगिंग से पेड़ा व्यापारियों की आय में वृद्धि होगी और उत्पाद को वैश्विक पहचान मिलेगी। डीडीसी ने कहा कि कई पीढ़ियों से पेड़ा व्यापार में शामिल व्यापारियों की वित्तीय स्थिति को कई गुना बढ़ाया जाएगा।

वहीं एक अधिकारी ने कहा कि जीआई टैग एक विशिष्ट चिन्ह है जिसका उपयोग उत्पाद पर किया जाता है।  इसका उपयोग इसके अद्वितीय लक्षण वर्णन और ग्लोबल उत्पादन के आधार पर किया जा सकता है। कहा कि किसी भी उत्पाद को जीआई टैगिंग मिलते ही वह उस भौगोलिक क्षेत्र से बाहर किसी की नकल करने पर भी जुर्माना लगा सकता है। 

600 से ज्यादा भारतीय उत्पादों को जीआई टैग मिला
किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को जीअग्रैफिकल इंडिकेशन टैग (जीआई टैग) से खास पहचान मिलती है। चंदेरी की साड़ी, कांजीवरम की साड़ी, दार्जिलिंग चाय महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, जयपुर ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी, तिरुपति के लड्डू, मध्य प्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गा और मलिहाबादी आम समेत अब तक करीब 600 से ज्यादा भारतीय उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है।
 

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