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सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे 60 जोड़ों ने रचाई शादी, कई के साथ बच्चे भी हुए शामिल

झारखंड के गुमला में सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे 60 जोड़ों की सामूहिक शादी कराई गई। इनमें से कई जोड़ों के बच्चे अपने माता-पिता के विवाह का गवाह बने। ये जोड़े गरीबी के चलते शादी के बंधन में नहीं...

सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे 60 जोड़ों ने रचाई शादी, कई के साथ बच्चे भी हुए शामिल
गुमला लाइव हिन्दुस्तानTue, 02 Mar 2021 12:25 AM
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झारखंड के गुमला में सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे 60 जोड़ों की सामूहिक शादी कराई गई। इनमें से कई जोड़ों के बच्चे अपने माता-पिता के विवाह का गवाह बने। ये जोड़े गरीबी के चलते शादी के बंधन में नहीं बंध पा रहे थे और सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। एक संस्था की पहल पर इनकी सामूहिक शादी कराई गई।

नव युवक संघ तेलगांव के संरक्षक जगरनाथ उरांव के प्रयास से इन 60 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। इस दौरान हिंदू और सरना धर्म से विवाह की रस्म पूरी की गई।

जगरनाथ उरांव ने बताया कि ये वैसे जोड़े हैं, जो गरीबी या परिवार के विरोध के कारण शादी के मंडप तक नहीं पहुंचे पाए और लिव इन रिलेशन में रहने को मजबूर थे। उनकी संस्था ने इन जोड़ों को विवाह के बंधन में बांधकर समाजिक मान्यता दिलाने की कोशिश की है। दूल्हा-दुल्हन के कपड़े से लेकर विवाह समारोह में आए करीब दो हजार से ज्यादा लोगों के लिए भोजन की भी व्यवस्था संस्था द्वारा की गई थी।

विवाह के बंधन में बंधने वाली सेन्हा प्रखंड के भड़गांव निवासी न्यारी देवी ने बताया कि वह पिछले दस वर्ष से राजेंद्र महाली के साथ वह लिव इन रिलेशन में रह रही है। गरीबी के कारण दोनों शादी नहीं कर पा रहे थे। इस बीच उनके तीन बच्चे हो गये। आगे अपने बच्चों के विवाह में परेशानी न हो, इसलिए उन्होंने इस उम्र में शादी करने का फैसला लिया।

लिव इन रिलेशन का प्रचलन भले ही महानगरों में हो लेकिन झारखंड के गांव भी इससे अछूता नहीं हैं। यहां के गांव में आज भी गरीबी के कारण कई जोड़े लिव इन रिलेशन में रहने को मजबूर हैं। समाज ऐसे जोड़ों को कबूल नहीं करता है, लिहाजा ऐसे जोड़ों को सामूहिक मान्यता दिलाने के लिए ही सामूहिक विवाह जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

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