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चारा घोटाला:जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे लालू यादव

चारा घोटाले में एक मामले में दोषी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। शनिवार को रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के 21...

चारा घोटाला:जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे लालू यादव
रांची, लाइव हिन्दुस्तान टीम।Tue, 09 Jan 2018 07:53 AM
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चारा घोटाले में एक मामले में दोषी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। शनिवार को रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के 21 साल पुराने एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव सहित 16 लोगों को सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि लालू यादव को अगर तीन साल या उससे कम की सज़ा होती तो उन्हें सीबीआई कोर्ट जमानत मिल सकती थी। लेकिन उन्हें अब जमानत रांची हाईकोर्ट से ही मिलेगी।

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क्या है चारा घोटाला?

चारा घोटाले का यह मामला देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये से अधिक की अवैध निकासी का है। सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी तथा 28 मई 2004 को आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में 26 सितंबर 2005 को आरोप गठन किया गया था। इस मामले में पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पशु चारा और दवा के नाम पर अवैध निकासी की थी। इसके लिए फजीर् आवंटन आदेश का इस्तेमाल किया था। जांच से बचने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में 10 हजार रुपये से कम का बिल ट्रेजरी में पेश किया था।
             
इस मामले में पिछले वर्ष 23 दिसंबर को अदालत ने राजद अध्यक्ष श्री यादव, पूर्व सांसद जगदीश शमार्, पूर्व विधायक आर. के. राणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जुलियस एवं महेश प्रसाद के अलावा अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, सुबीर भट्टाचार्य,सप्लायर और ट्रांसपोर्टर त्रिपुरारी मोहन, सुशील सिंह, सुनील सिंह, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति कुमार झा और सुनील गांधी को भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 477 ए और 120 बी के तहत दोषी करार दिया था।

वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, प्रशासनिक अधिकारी ए. सी. चौधरी के अलावा सप्लायर और ट्रांसपोर्टर सरस्वती चंद्रा तथा साधना सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

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