महंगाई की मार: न्यूरो, मल्टीविटामिन व गैस की दवा के दाम बढ़े, कोरोना के बाद 30 से 50 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
कोरोना के बाद दवाईयों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। रिम्स में न्यूरो सर्जरी विभाग में सबसे अधिक मरीज पहुंचते हैं। इसी की दवाईयों में करीब 50 फीसदी मतलब 60 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। दुकानदारों के...
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कोरोना के बाद दवाईयों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। रिम्स में न्यूरो सर्जरी विभाग में सबसे अधिक मरीज पहुंचते हैं। इसी की दवाईयों में करीब 50 फीसदी मतलब 60 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। दुकानदारों के अनुसार न्यूरो की लिवटेरासिटाम कंपोजिसन की दवाईयां, जिसकी कीमत पहले 130 रुपये तक थी, उसके लिए अब मरीजों को 190 रुपये तक के भुगतान करने पड़ रहे हैं।
वहीं वेलपारिन एसिड की जिस दवा के लिए मरीजों को करीब 60 रुपये देने पड़ते थे, उसके लिए अब करीब 70 रुपये तक देने पड़ रहे हैं। फेनिट्योम कंपोजिशन के लिए 110 देने पड़ते थे उसके लिए अब 125 रुपये तक देने पड़ रहे हैं।
वहीं इसके अलावा गैस मल्टीविटामिन की कीमतों में भी तीस से पचास फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। मल्टी विटामिन के लिए बाजार में आसानी से उपलब्ध दवा एटूजेड में करीब 30 रुपये और सुपराडीन में करीब 18 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं गैस की एसीलॉक और रेंटेक की कीमतों में करीब 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। जो दवाई पहले 24 रुपये में मिल रही थी उसे अब करीब 37 रुपये में खरीदना पड़ रही है।
बीपी और डायबिटीज की कीमतों में प्रति पत्ता दस रुपये तक की बढ़ोतरी
निजी दवा दुकान संचालकों के अनुसार बीपी और शुगर की दवाओं में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं हुई है, विभिन्न ब्रांड की दवाओं के लिए 3 रुपये से लेकर 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। डायबिटीज की टेनेग्लेफ्टीन कंपोजिशन की दवा में दस रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं थॉयराइड की दवा की कीमतों के प्रति पत्ता पंद्रह रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं डायबिटीज में जरुरी पड़ने वाली इंसुलिन की कीमत में करीब 60 से 70 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।