दुखद: पिता हर रोज करता है बेटे की लाश के लिए फोन
उनकी जिंदगी का मकसद अब अपने बेटे के शव को ढूंढ़ना रह गया है। वह रोज सुबह उठकर अपने बेटे के लिए दुआ करते हैं। सुबह की नमाज के बाद वे हर रोज ओडिशा के पुरी पुलिस स्टेशन में फोन कर पूछते हैं कि क्या उनके...
उनकी जिंदगी का मकसद अब अपने बेटे के शव को ढूंढ़ना रह गया है। वह रोज सुबह उठकर अपने बेटे के लिए दुआ करते हैं। सुबह की नमाज के बाद वे हर रोज ओडिशा के पुरी पुलिस स्टेशन में फोन कर पूछते हैं कि क्या उनके बेटे का शव मिला? यह हाल है जमशेदपुर के मानगो के बगान शाही निवासी मो. अहमद का।
मो. अहमद गार्ड की नौकरी करते हैं। उनका बेटा 22 वर्षीय गुलाम मुस्तफा अपने दोस्त 18 वर्षीय अबु तलहा के साथ पुरी घूमने गया था। वहां दोनों बीते 9 अक्तूबर को तितली तूफान की भेंट चढ़ गए। अबु तलहा का शव तो मिल गया लेकिन गुलाम मुस्तफा का शव अभी तक नहीं मिला है। घटना के दो महीने बीत गए हैं। अपने बेटे का पता लगाने के लिए मो. अहमद पांच बार पुरी जा चुके हैं, लेकिन उनके बेटे के बारे में न तो कोई सूचना मिली और न ही कोई सुराग ही मिल पाया है। पुरी से आने वाली सूचना ही अब उनके लिए एक आसरा है। इसीलिए सुबह नमाज में दुआ मांगने के बाद वे इस उम्मीद के साथ रोजाना फोन करते हैं कि काश उनके बेटे का कोई सुराग मिल जाए।
गुलाम मुस्तफा सऊदी में नौकरी करता था। वह छुट्टियों में जमशेदपुर आया था। मो. अहमद की बेटी की घर में शादी भी थी। पूरे परिवार का दारोमदार भी मुस्तफा पर ही था।
बस बेटे का पता चल जाए। यही एक उम्मीद है। अल्लाह से उम्मीद है। कुछ तो मिल जाए जिससे इस बात का यकीन हो कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।- मो. अहमद, गुलाम मुस्तफा के पिता