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केंद्र ने झारखंड सरकार को डीवीसी का 5608 करोड़ रुपये बकाया 15 दिन में चुकाने का दिया नोटिस, उलटी गिनती शुरू

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को डीवीसी से खरीदी गई बिजली का 5608.32 करोड़ रुपये का बकाया 15 दिन में चुकाने के लिए नोटिस दिया है। समय की उलटी गिनती 11 सितंबर को नोटिस जारी होने के दिन से शुरू हो गई...

केंद्र ने झारखंड सरकार को डीवीसी का 5608 करोड़ रुपये बकाया 15 दिन में चुकाने का दिया नोटिस, उलटी गिनती शुरू
रांची। विशेष संवाददाताSat, 19 Sep 2020 11:54 PM
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केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को डीवीसी से खरीदी गई बिजली का 5608.32 करोड़ रुपये का बकाया 15 दिन में चुकाने के लिए नोटिस दिया है। समय की उलटी गिनती 11 सितंबर को नोटिस जारी होने के दिन से शुरू हो गई है। 

ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य सरकार को स्पष्ट किया है कि यदि जेबीवीएनएल ने दिए गए समय में डीवीसी का बकाया भुगतान नहीं किया तो 2017 में हुए त्रिपक्षीय समझौते की शर्तों के तहत राज्य सरकार के आरबीआई खाते से यह बकाया 1417.50 करोड़ की चार किश्तों में वसूल लिया जाएगा। पहली किश्त अक्तूबर में वसूली जाएगी। दूसरी किश्त अगले वर्ष जनवरी, तीसरी अप्रैल और चौथी जुलाई में वसूल की जाएगी। वसूली गई राशि केंद्र सरकार के खाते में जमा होगी। मुख्यमंत्री को हेमंत सोरेन को यह नोटिस शनिवार को मिला है। अब सरकार के पास 26 सितंबर तक का वक्त है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ही पास ऊर्जा विभाग भी है।

राज्य सरकार को ऋण लेकर देनदारी खत्म करने का सुझाव : ऊर्जा मंत्रालय के अवर सचिव पीके सिन्हा की ओर से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को प्रेषित नोटिस के अंत में सुझाव दिया गया है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत पावर सेक्टर में आर्थिक तरलता के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार चाहे तो बिजली वितरण कंपनी के माध्यम से केंद्रीय सरकार के उपक्रम रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन या पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से लोन ले कर डीवीसी पर अपनी देनदारी खत्म कर सकती है। 

ये है त्रिपक्षीय समझौता : त्रिपक्षीय समझौता 27 अप्रैल 2017 को हुआ था। राष्ट्रपति की ओर से ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव और वित्त सलाहकार, झारखंड राज्यपाल की ओर से राज्य सरकार के योजना एवं वित्त विभाग के सचिव और भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक के बीच यह समझौता हुआ था। इसके तहत केंद्रीय उपक्रम की ओर से राज्य सरकार को दिए गए बिल का 45 दिन में भुगतान करना है। इसमें 60 दिन से अधिक की देरी नहीं की जा सकती है। बिजली कंपनी भुगतान करे इसे राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी। 2016 में हुए सप्लाई एग्रीमेंट के मुताबिक अगर बिजली कंपनी बिल जारी होने के 90 दिनों में भुगतान नहीं करती तो केंद्र सरकार यह राशि ब्याज सहित राज्य सरकार से वसूलेगी। 30 नवंबर 2016 को आरबीआई और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के तहत बिना किसी शर्त के केंद्र सरकार बकाया राशि राज्य सरकार के आरबीआई खाते से वसूल सकेगी। 

डीवीसी ने 13 अगस्त को दिया है बिल : डीवीसी ने झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) को खरीदी गई बिजली के मद में 5608.32 करोड़ बकाया भुगतान के लिए 13 अगस्त को बिल जारी किया है। कहा गया है कि अगर जेबीवीएनएल ने भुगतान नहीं किया तो डीवीसी वित्तीय तरलता की समस्या से जूझ रहा है। नोटिस में कहा गया है कि डीवीसी 31 मार्च 2015 और 23 अगस्त 2017 को जेबीवीएनएल के साथ हुए बिजली खरीद समझौता के तहत बिजली देती है। पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि जेबीवीएनएल नियमित रूप से डीवीसी को भुगतान नहीं कर रहा है। 
 

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