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Exclusive Photos: धौनी के गार्डन में हाईटेक तकनीक से बिना मिट्टी उगायी जा रही सब्जियां

मिट्टी में फल-सब्जियां उगते आपने देखा होगा। यदि यह कहा जाए कि बिना मिट्टी के भी फल-सब्जियां पैदा हो सकती हैं, तो आपको अटपटा लगेगा। पर ऐसा हो रहा है और वह भी आपके रांची में। आपके चहेते क्रिकेटर...

मिट्टी में फल-सब्जियां उगते आपने देखा होगा। यदि यह कहा जाए कि बिना मिट्टी के भी फल-सब्जियां पैदा हो सकती हैं, तो आपको अटपटा लगेगा। फोटो: हिन्दुस्तान
1/ 8मिट्टी में फल-सब्जियां उगते आपने देखा होगा। यदि यह कहा जाए कि बिना मिट्टी के भी फल-सब्जियां पैदा हो सकती हैं, तो आपको अटपटा लगेगा। फोटो: हिन्दुस्तान
पर ऐसा हो रहा है और वह भी आपके रांची में। आपके चहेते क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धौनी ने सिमलिया स्थित आवास में हाइड्रोपोनिक्स किचेन गार्डन बनवाया है, जिसमें बिना मिट्टी के साग-सब्जियां लगायी गई हैं।
2/ 8पर ऐसा हो रहा है और वह भी आपके रांची में। आपके चहेते क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धौनी ने सिमलिया स्थित आवास में हाइड्रोपोनिक्स किचेन गार्डन बनवाया है, जिसमें बिना मिट्टी के साग-सब्जियां लगायी गई हैं।
पॉली हाउस में कोकोपिट (नारियल के छिलके का बुरादा) में लगाए गए बैगन, गोभी, झींगी, टमाटर, खीरा, पालक के पौधे लहलहा रहे हैं, जो  रासायनिक खाद से पूरी तरह मुक्त है।
3/ 8पॉली हाउस में कोकोपिट (नारियल के छिलके का बुरादा) में लगाए गए बैगन, गोभी, झींगी, टमाटर, खीरा, पालक के पौधे लहलहा रहे हैं, जो रासायनिक खाद से पूरी तरह मुक्त है।
धौनी अपने व परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। बाजार में बिकने वाली सब्जियों के उत्पादन में रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल की आशंका रहती है। ऐसे में धौनी परिवार को स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन देने के लिए ऐसा किया है।
4/ 8धौनी अपने व परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। बाजार में बिकने वाली सब्जियों के उत्पादन में रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल की आशंका रहती है। ऐसे में धौनी परिवार को स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन देने के लिए ऐसा किया है।
धौनी के परिवार में पत्नी व बेटी के अलावा उनके माता-पिता रहते हैं, जिनकी सब्जी की जरूरत यहां से पूरी होगी।
5/ 8धौनी के परिवार में पत्नी व बेटी के अलावा उनके माता-पिता रहते हैं, जिनकी सब्जी की जरूरत यहां से पूरी होगी।
जो खेती पानी में की जाती है उसे हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं।  इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं होती। सामान्य खेती में पेड़-पौधे जरूरी पोषक तत्व जमीन से लेते हैं, लेकिन इसमें पानी में विशेष प्रकार का घोल डालकर पौधे को पोषक तत्व दिया जाता है।
6/ 8जो खेती पानी में की जाती है उसे हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं। इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं होती। सामान्य खेती में पेड़-पौधे जरूरी पोषक तत्व जमीन से लेते हैं, लेकिन इसमें पानी में विशेष प्रकार का घोल डालकर पौधे को पोषक तत्व दिया जाता है।
रांची के सिमलिया स्थित महेंद्र सिंह धौनी का फार्म हाउस। यह तस्वीर साक्षी धौनी ने पिछले दिनों टि्वटर पर शेयर की थी।
7/ 8रांची के सिमलिया स्थित महेंद्र सिंह धौनी का फार्म हाउस। यह तस्वीर साक्षी धौनी ने पिछले दिनों टि्वटर पर शेयर की थी।
महेंद्र सिंह धौनी ने अपने फार्म हाउस पर पिछले दिनों इंस्टाग्राम पर यह तस्वीर अपने कुत्ते के साथ शेयर की थी।
8/ 8महेंद्र सिंह धौनी ने अपने फार्म हाउस पर पिछले दिनों इंस्टाग्राम पर यह तस्वीर अपने कुत्ते के साथ शेयर की थी।
रांची, अवधेश कुमार सिंहWed, 16 Jan 2019 08:43 AM
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मिट्टी में फल-सब्जियां उगते आपने देखा होगा। यदि यह कहा जाए कि बिना मिट्टी के भी फल-सब्जियां पैदा हो सकती हैं, तो आपको अटपटा लगेगा। पर ऐसा हो रहा है और वह भी आपके रांची में। आपके चहेते क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धौनी ने सिमलिया स्थित आवास में हाइड्रोपोनिक्स किचेन गार्डन बनवाया है, जिसमें बिना मिट्टी के साग-सब्जियां लगायी गई हैं। पॉली हाउस में कोकोपिट (नारियल के छिलके का बुरादा) में लगाए गए बैगन, गोभी, झींगी, टमाटर, खीरा, पालक के पौधे लहलहा रहे हैं, जो  रासायनिक खाद से पूरी तरह मुक्त है।

पांच सदस्य हैं परिवार में
धौनी अपने व परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। बाजार में बिकने वाली सब्जियों के उत्पादन में रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल की आशंका रहती है। ऐसे में धौनी परिवार को स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन देने के लिए ऐसा किया है।धौनी के परिवार में पत्नी व बेटी के अलावा उनके माता-पिता रहते हैं, जिनकी सब्जी की जरूरत यहां से पूरी होगी।

क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक
जो खेती पानी में की जाती है उसे हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं।  इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं होती। सामान्य खेती में पेड़-पौधे जरूरी पोषक तत्व जमीन से लेते हैं, लेकिन इसमें पानी में विशेष प्रकार का घोल डालकर पौधे को पोषक तत्व दिया जाता है। इस घोल में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश,  जिंक, आयरन आदि को एक खास अनुपात में मिलाया जाता है।

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कैसे काम करता है
इस खेती में मिट्टी की जगह पानी ले लेता है। फसल के लिए पानी का स्तर उतना ही रखा जाता है जितना जरूरी होता है। पौधे को पानी से ही ऑक्सीजन मिलता है। पोषक तत्वों की घोल को टैंक में डालकर ड्रीप सिंचाई के माध्यम से पौधों की जड़ तक पहुंचाया जाता है। इसमें कम जगह में गुणवत्तापूर्ण सब्जियां उगायी जाती है।

लाखों का खर्च होता है इस तकनीक में
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने में सबसे बड़ी चुनौती शुरुआती खर्च है। इसके निर्माण में लाखों खर्च होते हैं। लगातार बिजली की जरूरत होती है। पौधों को खनिज और पोषक तत्व सही समय पर सही मात्रा में देना होता है।

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