पंकज मिश्रा और बच्चू यादव पर कसेगी नकेल, ED कोर्ट ने तय किए आरोप; इन कानूनों के तहत दाखिल की गयी चार्जशीट
करीब 1000 करोड़ की अनुमानित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा, बच्चू यादव को रिमांड पर लेकर ईडी ने कई दिनों तक पूछताछ भी की थी। जिसके बाद ED ने आईपीसी समेत कई कानूनों के तहत मामला दर्ज किया था।

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मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और बच्चू यादव के खिलाफ ईडी कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है। दोनों के खिलाफ एक हजार करोड़ के अवैध खनन के मामले में ईडी ने चार्जशीट पिछले साल सितंबर में दायर किया था। शुक्रवार को ईडी की विशेष अदालत ने दोनों के खिलाफ आरोप तय किया। अब दोनों के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
ईडी ने आरोप पत्र में पंकज मिश्रा को अवैध खनन का मास्टर माइंड बताया है। इसके जरिए करीब 1000 करोड़ की अनुमानित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा, बच्चू यादव को रिमांड पर लेकर ईडी ने कई दिनों तक पूछताछ भी की थी। पूछताछ और विभिन्न ठिकानों पर हुई छापेमारी में मिले साक्ष्य के आधार पर ईडी ने आरोप पत्र दाखिल किया है।
दायर की गयी चार्जशीट में कहा गया है कि पंकज के इशारे पर कई प्रमुख आरोपियों ने अवैध खनन को अंजाम दिया। साहिबगंज इलाके में गंगा किनारे चलने वाले जहाज का टेंडर मैनेज करना और सरकारी बाबुओं को डराने का काम चलता रहा है। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को डराने-धमकाने के बाद कई तरह के टेंडर संबंधी कार्य और उस इलाके में वर्चस्व कायम करने का काम आरोपी बच्चू यादव ने किया। ईडी ने आरोप पत्र में कहा है कि जांच के दौरान कई तारीखों में पूरे भारत में 47 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 5.34 करोड़ नकद, 13.32 करोड़ की बैंक राशि, एक नाव, 5 स्टोन क्रशर, 2 ट्रक, 2 एके 47 असॉल्ट राइफल व दस्तावेज जब्त किए गए।
ईडी के खिलाफ पंकज की याचिका खारिज
पंकज मिश्रा को अदालत से झटका लगा है। कोर्ट ने पंकज की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ईडी के सहायक निदेशक पर तथ्यों को छिपा कर चार्जशीट दाखिल करने का आरोप लगाया था। अदालत ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पंकज मिश्रा की ओर से ईडी के सहायक निदेशक के खिलाफ याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि ईडी जिस केस को आधार बना कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है, उस केस को पुलिस ने खत्म कर दिया है। ईडी ने अपने आरोप पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया है और अदालत से तथ्यों को छिपाया गया है। पंकज मिश्रा ने जिस मामले का जिक्र किया था, उसमें पंकज के साथ-साथ मंत्री आलमगीर आलम का भी नाम था। पुलिस ने अपनी जांच में दोनों को निर्दोष बताया था। मामले में ईडी की ओर से कहा गया था कि पूरी जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया गया है। किसी प्रकार के तथ्य अदालत से छिपाए नहीं गए हैं। ईडी ने पंकज मिश्रा की याचिका की वैधता को चुनौती दी थी और उसे सुनवाई योग्य नहीं बताया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को ईडी कोर्ट ने पंकज मिश्रा की याचिका खारिज कर दी।
बता दें, ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बड़हरवा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। बाद में, आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सशस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज अवैध खनन के संबंध में कई प्राथमिकी को भी अपराध के दायरे में जोड़ लिया गया है।