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एक्सक्लूसिव: ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की रफ्तार जमीन ने रोकी

भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसीसी) पर जमीन अधिग्रहण की पेंच फंस गई है। भारत सरकार ने फर्स्ट फेज के तहत वर्ष 2019 में फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ी दौड़ाने की...

एक्सक्लूसिव: ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की रफ्तार जमीन ने रोकी
रविकांत झा,धनबादWed, 06 Jun 2018 08:12 AM
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भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसीसी) पर जमीन अधिग्रहण की पेंच फंस गई है। भारत सरकार ने फर्स्ट फेज के तहत वर्ष 2019 में फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ी दौड़ाने की घोषणा की है,। लेकिन सच्चाई यह है कि धनबाद होकर गुजरने वाली सोन नगर से दानकुनी तक अभी तक एक किलोमीटर भी रेल लाइन नहीं बिछ पाई है। कई जगह काम बंद हो गया है। बिहार-झारखंड के ज्यादातर हिस्से में सर्वे का काम पूरा हो चुका है लेकिन पटरी बिछाने का काम शुरू नहीं हो पाया है।

वर्ष 2014-2015 के रेल बजट में ईडीएफसीसी परियोजना के तहत पूर्वी क्षेत्र में लुधियाना से दानकुनी तक करीब 1839 किलोमीटर लंबी रेल पटरी बिछाने की घोषणा हुई थी। शुरुआती वर्षों में बजट के कारण यह परियोजना हिंचकोले खा रही थी, लेकिन अब जमीन अधिग्रहण आड़े आ रहा है। जमीन अधिग्रहण के मद्देनजर झारखंड और बिहार में ज्यादा मुश्किल नहीं आ रही है, लेकिन बंगाल के जिलों में कई जगहों पर निजी जमीन को लेने में डीएफसीसी को कसरत करनी पड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार इसमें अपेक्षित सहयोग नहीं कर रही है। वर्दमान और हुगली जिले में कई जगह किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं।

बिहार में 72 प्रतिशत अधिग्रहण का काम हो चुका है पूरा
सोन नगर से दानकुनी के बीच ईडीएफसीसी के लिए 382 किलोमीटर रेलवे लाइन के लिए करीब 502 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें बिहार की जमीन के अधिग्रहण के लिए 167 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ था, जिसमें 121 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। इसी तरह झारखंड के लिए 113 करोड़ मिले जिसमें 72 करोड़ का भुगतान हो चुका है। लेकिन बंगाल में 246 करोड़ रुपए आवंटन के बावजूद 63 करोड़ रुपए का मुआवजा ही दावेदारों को दिया गया है। झारखंड में हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह में करीब 100 प्रतिशत मुआवजे का भुगतान हो चुका है। धनबाद में 70 प्रतिशत से अधिक लोग जमीन के बदले मुआवजा पा चुके हैं।

80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के बाद शुरू होगा पटरी का निर्माण
डीएफसीसी के अधिकारियों का कहना है कि डीएफसीसी के लिए चयनित जमीन के 80 प्रतिशत अधिग्रहण के बाद ही रेल पटरी बिछाने का काम शुरू होगा। इसमें सबसे बदतर स्थिति बंगाल की ही है। बंगाल में नोटिफिकेशन और सर्वे के बाद रेल पटरी की जद में आई जमीन के दावेदारों में काफी कम लोगों को ही मुआवजे का भुगतान हो सका है।

इस पटरी पर 100 किलोमीटर दौड़ेगी मालगाड़ी
पूर्वी डीएफसी का निर्माण मालगाड़ी को रफ्तार देने के लिए हो रहा है। पटरी बिछने के बाद पूर्व की रेल पटरी से मालगाड़ी का दबाव कम हो जाएगा। इससे पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों को काफी फायदा मिलेगा। इस पटरी पर मालगाड़ी को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने की योजना है।
 
वर्जन
जमीन अधिग्रहण के लिए प्रयास जारी हैं। कई जगह जमीन की अड़चन आ रही है। कानूनी प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार के साथ  मिलकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोशिश है कि समय पर परियोजना पूरी हो।
एस.एम.जे. अहसन, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, ईडीएफसीसीआईएल, कोलकाता 
 

 

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