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झारखंड: छुट्टी मांगने पर डीएसपी द्वारा सिपाही के साथ गाली-गलौज, सुकमा की तर्ज पर हो चुकी हैं कई वारदात

जैप 9 साहिबगंज में छुट्टी मांगने पर सिपाही को डीएसपी के द्वारा गाली-गलौज करने का मामला सामने आया है। पूरे मामले में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश पांडेय ने जैप डीआईजी राजीव...

झारखंड: छुट्टी मांगने पर डीएसपी द्वारा सिपाही के साथ गाली-गलौज, सुकमा की तर्ज पर हो चुकी हैं कई वारदात
प्रमुख संवाददाता,रांचीTue, 09 Nov 2021 08:22 AM

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जैप 9 साहिबगंज में छुट्टी मांगने पर सिपाही को डीएसपी के द्वारा गाली-गलौज करने का मामला सामने आया है। पूरे मामले में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश पांडेय ने जैप डीआईजी राजीव रंजन सिंह से लिखित शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक, साहिबगंज जैप 9 के आरक्षी मुकेश कुमार यादव ने आवेदन देकर डीएसपी एकमुनियस बाड़ा से अवकाश की मांग की थी। लेकिन डीएसपी ने आरक्षी के साथ गाली-गलौज कर दी। मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष की शिकायत है कि साहिबगंज जैप 9 में डीएसपी व दरोगा गोपीकांत यादव के द्वारा अक्सर जवानों के साथ गाली-गलौज की जाती है। ऐसे में मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए

सुकमा की तर्ज पर झारखंड में भी हुई हैं वारदात

छतीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के जवान ने अपने ही साथियों पर फायरिंग कर दी, जिससे चार सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई। सुकमा की तरह झारखंड में भी पुलिस व सुरक्षाबलों में तैनात जवानों के हिंसक होने व तनाव में खुदकुशी की खबरें सामने आयी हैं। झारखंड में भी विधानसभा चुनाव 2019 की कड़ी ड्यूटी के दौरान अवकाश नहीं मिलने पर सीआरपीएफ के 226 बटालियन के जवान तपेंद्र यादव ने सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट साहुल हसन और एएसआई पी भूईंया को गोली मार दी थी, वहीं तीन अन्य जवान इस हमले में घायल हुए थे।

किस-किस तरह की घटनाएं हुईं

झारखंड पुलिस में छुट्टियों को लेकर भी तनाव का माहौल कई बार पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक व्यवहार की वजह बनी है। 4 अक्तूबर को बोकारो में एक जवान सुशील द्विवेदी ने थाने में ही खुदकुशी कर ली थी। जवान ने खुदकुशी के लिए अपनी सर्विस रिवाल्वर का इस्तेमाल किया था। 11 अगस्त को हजारीबाग के रामकुमार महतो ने खुद के राइफल से खुदकुशी कर ली थी। 2019 में रांची पुलिस लाइन में छुट्टी नहीं मिलने पर सुधीर खाका नाम के जवान ने 10 राउंड से अधिक फायरिंग की थी, हालांकि इस वारदात में कोई हताहत नहीं हुआ था।

पुलिस मुख्यालय ने उठाए कदम, लेकिन नहीं दिखा प्रभाव

राज्य पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों के बीच तनाव खत्म करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए, लेकिन इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। राज्य पुलिस मुख्यालय ने प्रत्येक पुलिसकर्मी के लिए एक बॉडी यानी वैसे शख्स को मॉनिटरिंग की योजना बनायी थी, जो सहयोगी पुलिसकर्मी पर नजर रखे। पुलिसकर्मियों के 20 दिनी अवकाश हटाए जाने के बाद भी छुट्टियां कम हुई हैं। वहीं सप्ताह में साप्ताहिक अवकाश व आठ घंटे की ड़्यूटी की योजना भी राज्य में पूरी तरह लागू नहीं हो पायी है।
 

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