ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंडएप से मिलेगा नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को डिजिटल कंटेंट, एप में 20 हजार प्रश्नों का रहेगा क्वेश्चन बैंक

एप से मिलेगा नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को डिजिटल कंटेंट, एप में 20 हजार प्रश्नों का रहेगा क्वेश्चन बैंक

राज्य के हाई और प्लस 2 स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं के छात्र छात्राओं को अब एप के जरिए डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। डीजी-साथ में व्हाट्सएप के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे डिजिटल कंटेंट अगले...

एप से मिलेगा नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को डिजिटल कंटेंट, एप में 20 हजार प्रश्नों का रहेगा क्वेश्चन बैंक
Rupeshरांची । हिन्दुस्तान ब्यूरोSun, 01 Nov 2020 12:00 AM
ऐप पर पढ़ें

राज्य के हाई और प्लस 2 स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं के छात्र छात्राओं को अब एप के जरिए डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। डीजी-साथ में व्हाट्सएप के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे डिजिटल कंटेंट अगले सप्ताह के बाद उन्हें नहीं मिलेंगे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग लर्नेटिक्स नाम से एप लॉन्च करने जा रहा है। 

इस लर्नेटिक्स एप में नौवीं से 12वीं क्लास के लिए अलग-अलग सभी विषयों और सभी चैप्टर के कंटेंट उपलब्ध रहेंगे। इससे छात्र-छात्रा हर दिन किसी भी विषय के किसी भी चैप्टर को पढ़ सकेंगे। वहीं, संशोधित  सिलेबस जारी होने के बाद कंटेंट हरा ( ग्रीन) और पीले ( यल्लो) रंग से हाईलाइट हो जाएगा। हरे रंग से हाइलाइट होने वाला पाठ्यक्रम ही संशोधित पाठ्यक्रम होगा और परीक्षा में उसी से सवाल पूछे जाएंगे। यह ऐप कोरोना  महामारी खत्म होने और स्थिति सामान्य होने के बाद भविष्य में भी काम करता रहेगा।  छात्र-छात्रा हमेशा कंटेंट देख सकेंगे। वर्तमान में हर दिन अलग-अलग विषयों के एक-एक चैप्टर ही डिजिटल कंटेंट के रूप में व्हाट्सएप के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे थे। 

20 हजार प्रश्नों का रहेगा बैंक : लर्नेटिक्स एप में  नौवीं से 12वीं के सभी विषय के हर चैप्टर के कुल 20 हजार  प्रश्नों का बैंक भी होगा। पाठ्यक्रम संशोधित होने के बाद संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर प्रश्न भी ग्रीन से हाईलाइट हो जाएंगे। इन्हीं प्रश्नों में से मैट्रिक और इंटरमीडिएट समेत नौवीं 11वीं की परीक्षा में भी सवाल पूछे जाएंगे।

एक तिहाई अभिभावकों के पास ही एंड्रायड मोबाइल : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 46 लाख बच्चों में से एक तिहाई से भी कम करीब 14 लाख  छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के पास ही एंड्रायड मोबाइल है। उन्हें ही लॉकडाउन  से अबतक व्हाट्सएप के जरिए डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा राज्य के करीब 60 प्रखंड ऐसे हैं जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। इसकी वजह से वहां के छात्र-छात्राओं को कंटेंट नहीं मिल पा रहा है। कई जगहों पर मोबाइल रहने के बाद भी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। असर की रिपोर्ट में भी करीब 52 फ़ीसदी अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल फोन नहीं होने की बात सामने आई है। सरकारी स्कूलों में नामांकित 75 फ़ीसदी बच्चों में से 51 फ़ीसदी के पास ही स्मार्ट फोन है। 

 2159 अभिभावकों के पास कंप्यूटर-लैपटॉप : केंद्र सरकार के निर्देश के बाद स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में  बच्चों और अभिभावकों का सर्वे किया था। इस  सर्वे में 12,317 अभिभावकों ने अपनी राय दी थी।  कंप्यूटर लैपटॉप  2159 अभिभावकों के पास, स्मार्टफोन 10,008 अभिभावक के पास, 
इंटरनेट फैसिलिटी 3754 के पास, टीवी दूरदर्शन के साथ   2738 के पास, टीवी डीटूएच के साथ 2216 के पास, लगातार बिजली 2921 के पास और इनमें से कुछ नहीं 1426 अभिभावकों के पास का  आंकड़ा सामने आया था।
 

विधानसभा चुनाव 2023 के सारे अपड्टेस LIVE यहां पढ़े