Coronavirus Lockdown No space found in cemetery Cremation at the crematorium Ranchi Jharkhand कोरोना लॉकडाउन : कब्रिस्तान में नहीं मिली जगह, श्मशान घाट में हुई अंत्येष्टि, Jharkhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsझारखंड न्यूज़Coronavirus Lockdown No space found in cemetery Cremation at the crematorium Ranchi Jharkhand

कोरोना लॉकडाउन : कब्रिस्तान में नहीं मिली जगह, श्मशान घाट में हुई अंत्येष्टि

रांची में एक ईसाई बुजुर्ग की मौत के बाद शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह नहीं मिली तो परिजनों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ हरमू मुक्ति धाम में उनकी अंत्येष्टि कर दी। अंत्येष्टि में आस पास के लोगों...

Amit Gupta रांची। संवाददाता, Fri, 1 May 2020 09:05 AM
share Share
Follow Us on
कोरोना लॉकडाउन : कब्रिस्तान में नहीं मिली जगह, श्मशान घाट में हुई अंत्येष्टि

रांची में एक ईसाई बुजुर्ग की मौत के बाद शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह नहीं मिली तो परिजनों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ हरमू मुक्ति धाम में उनकी अंत्येष्टि कर दी। अंत्येष्टि में आस पास के लोगों ने सहयोग किया।

 रांची की हरमू नदी के पास की बस्ती में रहने वाले रामशरण टूटी का निधन गुरुवार को हो गया। निधन के बाद उनके परिजनों ने शव को दफनाने के लिए संत फ्रांसिस चर्च के प्रतिनिधियों से संपर्क किया। मृतक के पुत्र फिलिप टूटी ने बताया कि उनका परिवार 15 साल से ईसाई धर्म का पालन कर रहा है और सभी लोग नियमित संत फ्रांसिस चर्च जाते हैं। पिता के निधन के बाद दफनाने के लिए चर्च के फादर से बात हुई। फादर ने कहा कि कब्रिस्तान में जगह नहीं है। संभव हो तो शव को अपने गांव ले जाओ। गांव ले जाने पर असमर्थता जताने पर फादर ने आसपास के लोगों के सहयोग से कोई दूसरा विकल्प तलाशने को कहा। इसके बाद परिवार और पड़ोस  के लोगों ने सहमति बना कर हरमू मुक्तिधाम ले जाकर शव को जला दिया। यह परिवार मूल रूप से खूंटी के फुदी के रहने वाला है। रांची में सभी किराए के मकान में रहते हैं।

कब्रिस्तान में जगह खरीदनी होती है

इस मामले में पक्ष लेने के लिए चर्च के फादर से संपर्क नहीं हो सका। संत फ्रांसिस चर्च हरमू के सदस्य पी आईंद ने कहा कि इस घटना की उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन संत फ्रांसिस चर्च का नियम है कि हर परिवार को कब्रिस्तान केलिए जगह खरीदनी होती है। इसके लिए चंदा देना होता है। यदि मृतक रांची के बाहर का होगा, तो उसने कब्रिस्तान के लिए चंदा नहीं दिया होगा। ऐसी स्थिति में चर्च प्रबंधन शव दफनाने से रोक सकता है।