कोरोना टीकाकरण का ड्राई रन (मॉक ड्रिल) दो जनवरी को रांची में होगा। रांची में पांच स्थानों पर इसका रिहर्सल किया जाएगा। अभी तक सदर अस्पताल के अलावा रातू और बुंडू में ट्रायल के लिए स्थान चिन्हित किया गया है। शुक्रवार को भी कुछ स्थान का अंतिम रूप से चयन किया जाएगा। रांची के सिविल सर्जन डॉ वीवी प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का निर्देश मिलने के बाद स्थान चयन की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि ड्राई रन के दौरान ही इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि वैक्सीनेशन में क्या परेशानियां हो सकती है। इसके बाद समय रहते इसे दूर कर लिया जाएगा।
को विन पोर्टल से होगी निगरानी
सिविल सर्जन के अनुसार वैक्सीनेशन की ट्रैकिंग और निगरानी को विन पोर्टल से की जाएगी। यह केंद्र सरकार की तरफ से तैयार किया गया पोर्टल है। इसमें वैक्सीन के स्टोरेज से लेकर वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया का डिटेल होगा। वैक्सीन कहां है, किस व्यक्ति को लगा, कितने देर पहले लगा इन सबका ब्योरा इसमें अपडेट किया जाएगा।
मतदान की तरह बूथ बनेंगे
वैक्सीनेशन के लिए मतदान प्रक्रिया के तहत बूथ बनाए जाएंगे। इस सेंटर पर तीन कमरे होंगे। एक में जिन्हें टीका लगना है वे इंतजार करेंगे। दूसरे में टीका दिया जाएगा और तीसरे में टीका के बाद आधे घंटे तक एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एएफआई) की टीम निगरानी करेगी। ये केंद्र स्कूल, धर्मशाला या मदरसा कुछ भी हो सकता है। विशेष परिस्थिति में सरकार टेंट लगाकर भी इसकी व्यवस्था करेगी। एक दिन में एक बूथ पर 100 टीके लगाए जाएंगे। इस बूथ को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सभी जिले के डीसी को दी गई है।
नामकुम में है वेयर हाउस
वैक्सीन के स्टोरेज के लिए राज्य मुख्य रूप से चार वेयर हाउस बनाया गया है। इसमें सबसे बड़ा और स्टेट लेवल का वेयर हाउस नामकुम में तैयार किया गया है। वैक्सीन के स्टोरेज के लिए राज्य मुख्य रूप से चार वेयर हाउस बनाया गया है। इसमें सबसे बड़ा और स्टेट लेवल का वेयर हाउस नामकुम में तैयार किया गया है। वेयर हाउस में माइनस 20 डिग्री से लेकर 8 डिग्री तक के टेंपरेचर की व्यवस्था की गई है। इसके लिए यहां वाक इन फ्रीजर और वाक इन कूलर लगाया गया है। वेयर हाउस से इसे पहले जिला और फिर वैक्सीनेशन साइट में कोल्ड चेन सिस्टम के तहत पहुंचाया जाएगा। इसके लिए कोल्ड बॉक्स में कंडीशन आइसपैक का इस्तेमाल किया जाएगा
प्रशिक्षण और डाटा कर लिया गया है तैयार
टीकाकरण के लिए रांची जिले में प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। शहर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर और चिकित्साकर्मी समेत सभी का डाटा तैयार कर लिया गया है। प्रशिक्षण देने का काम भी पूरा हो गया है। ट्रायल के दौरान जो दिक्कत आएगी उसे दूर किया जाएगा।