कोरोना लॉकडाउन : पुलिस को देख तालाब में कूदे दो युवक, एक की मौत
जमशेदपुर में सीटू तालाब के पास आपस में बात कर रहे दो युवक पुलिस की गश्ती दल को देख तालाब में कूद गए। एक तो बच गया पर लेकिन दूसरे युवक की डूबने से मौत हो गई। घटना सोमवार शाम 6 बजे के आसपास की है। घटना...

जमशेदपुर में सीटू तालाब के पास आपस में बात कर रहे दो युवक पुलिस की गश्ती दल को देख तालाब में कूद गए। एक तो बच गया पर लेकिन दूसरे युवक की डूबने से मौत हो गई। घटना सोमवार शाम 6 बजे के आसपास की है। घटना के बाद डूब रहे युवक को उसके दो दोस्तों ने बचाने का प्रयास किया। लेकिन वह सफल नहीं हो सके।
घटना की जानकारी मिलने पर आसपास के काफी संख्या में लोग तालाब के पास जमा हो गए और विरोध जताते हुए दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सूचना मिलने पर सिटी एसपी सुभाष चन्द्र जाट, सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह, सीसीआर डीएसपी अरविंद सिंह, गोलमुरी और टेल्को थाना प्रभारी समेत भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचे और मोर्चा संभाला। बाद में टाटा मोटर्स के फायर ब्रिगेड की टीम (गोताखोरों) के साथ मिलकर पुलिस ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को तालाब से बाहर निकाला। मौके पर भारी संख्या में क्यूआरटी के जवानों को तैनात किया गया था।
घर से टहलने की बात कह कर निकला था विक्की
टेल्को थाना अंतर्गत सीटू तालाब की घटना के संबंध में बताया जाता है कि बिरसानगर थाना प्रभारी सुशील कुमार कुशवाहा अपने क्षेत्र में गश्ती कर रहे थे। इसी दौरान तालाब के पास युवकों को अड्डाबाजी करते देखकर वे उनके नजदीक पहुंचे। तालाब के पास बैठकर विक्की महतो (27) और उसका साथी आशिक हुसैन आपस में बातचीत कर रहे थे। दोनों ने पुलिस को अपनी ओर बढ़ता देख डर कर तालाब में छलांग लगा दी। बाद में पुलिस के कहने पर इनमें से एक आशिक हुसैन किसी तरह तालाब के बाहर आ गया। वहीं, विक्की काफी प्रयासों के बाद भी बाहर नहीं आ सका। लोगों ने बताया कि विक्की को तैरना नहीं आता था जिस कारण वह तालाब में डूब गया।
विक्की की मां सुलेखा महतो ने बताया कि उनका पुत्र शाम में घर से चाय पीकर दोस्तों से मिलने की बात कहकर निकला था। उसके बाद उसकी मौत की खबर मिली। रोते हुए उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु के बाद उन्होंने काफी परेशानी से बेटे को पाला था। जवान बेटे की मौत के बाद उसे कौन देखेगा।
घटना के बाद जुटी भीड़
पुलिस के डर से युवक के तालाब में कूदने की जानकारी मिलने पर काफी संख्या में आसपास के रहने वाले लोग वहां धारा 144 का उल्लंघन करते हुए इकट्ठे हो गए। विक्की के परिजन भी वहां जुट गए। परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। लोगों का कहना था कि टेल्को थाना क्षेत्र होने के बावजूद बिरसानगर पुलिस मौके पर पहुंची थी। इससे लोगों में आक्रोश देखा गया। कुछ लोगों का आरोपी था कि अक्सर ही बिरसानगर पुलिस टेल्को क्षेत्र में पहुंच कर दबंगई दिखाती है।
घर का इकलौता चिराग था विक्की
विक्की महतो बिरसानगर जोन नम्बर 5 सीटू तालाब के पास का रहने वाला था। वह पेशे से ठेका मजदूरी करता था। उसके पिता राजिंग महतो का देहांत पिछले कुछ वर्ष पूर्व ही हो चुका है। वह अपनी माँ का इकलौता पुत्र था। उसकी मां सुलेखा महतो घरों में बर्तन मांज कर घर चलाती है। छोटी बहन सोनिया महतो की शादी तीन वर्ष पूर्व आदित्यपूर के जितेंद्र पासवान से हुई है। वह बिरसानगर में ही भाड़े के मकान में रहती है। इस घटना के बाद परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। इस घटना से लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश दिखाई दिया।
परिजनों ने उठने नहीं दिया शव
शव मिलने के बाद परिजनों ने शव को उठाने से इंकार कर दिया। शव के साथ बीच सड़क पर वह अपनी मांगों को लेकर अड़ गए। परिजन विक्की को पकड़ने आये बिरसा नगर थाना प्रभारी और उनके साथ मौजूद दो अन्य पुलिसकर्मियों को त्वरित कार्रवाई करते हुए निलंबित करने और 20 लाख मुआवजे की मांग कर रहे थे। लगभग एक घंटे तक बीच सड़क पर खड़े होकर खुद सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। परंतु परिजन अपनी बातों पर अड़े थे। बाद में हर संभव मदद का आश्वासन देने के बाद परिजन माने। पुलिस ने आनन-फानन में शव को उठवाकर टाटा मोटर्स अस्पताल के शीतगृह में भिजवाया। परिजनों ने मुआवजे की मांग पूरा होने के बाद ही पोस्टमार्टम करवाने के बात कही है।
मुआवजे की प्रक्रिया को पूरी की जाएगी। कानूनी रूप से प्रशासन इस बात का पूरा अनुपालन करेगा और भरोसा दिलाता है कि मृतक के परिवार को मुआवजे और अन्य कानूनी प्रक्रिया में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। बिरसानगर थाना प्रभारी पर लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। -सुभाष चंद्र जाट, सिटी एसपी