जांच में पुष्टि, अधिकारी ने डीटीओ बनते ही वसूली के लिए रखा था आदमी
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनोद कुमार हजारीबाग के जिला परिवहन पदाधिकारी बनते ही अवैध वसूली करने लगे। राज्य सरकार की ओर से कराई गई जांच में यह आरोप प्रमाणित हुआ है। कार्मिक विभाग ने विनोद कुमार...
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनोद कुमार हजारीबाग के जिला परिवहन पदाधिकारी बनते ही अवैध वसूली करने लगे। राज्य सरकार की ओर से कराई गई जांच में यह आरोप प्रमाणित हुआ है। कार्मिक विभाग ने विनोद कुमार के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले उन्हें 15 दिनों के भीतर आरोपों का लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है। विनोद कुमार फिलहाल गुमला जिले के बसिया में एसडीओ हैं।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि विनोद कुमार ने सूरज सिंह नामक बिचौलिया रखा था। उसी के माध्यम से परिवहन कारोबारियों को धमका कर अवैध वसूली करता था। विभागीय जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं। विनोद कुमार पर जिला परिवहन पदाधिकारी रहते अनधिकृत रूप से गायब रहने के भी प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा वे समीक्षा के लिए आयोजित बैठकों से भी लगातार अनुपस्थित रहते थे। कार्मिक विभाग की रिपोर्ट में आरोपों को प्रथम दृष्टया प्रमाणित बताया गया है।
विभागीय कार्यवाही संचालित करने का लिया फैसला: राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के खिलाफ आरोपों के प्रमाणित होने के बाद कार्मिक विभाग ने विभागीय कार्यवाही संचालित करने का फैसला लिया है। विनोद कुमार की ओर से दिए गए लिखित बचाव बयान में जिन आरोपों को स्वीकार नहीं किया जाएगा, उनकी जांच के लिए जांच संचालन पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। हजारीबाग के जिला परिवहन पदाधिकारी को जांच उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।
क्या है मामला
विनोद कुमार 2014 के दौरान हजारीबाग के जिला परिवहन पदाधिकारी थे। इस दौरान उनपर स्टाफ के माध्यम से अवैध वसूली करने के आरोप लगे थे। छापेमारी में उनके नजदीकी लोगों के पास से इसके सबूत भी मिले थे। उसके बाद कार्मिक विभाग ने जांच शुरू की थी।