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कोल इंडिया के पास 173 बिलियन टन कोयले का भंडार, सौ साल तक देश की ऊर्जा जरूरतों को कर सकेगा पूरा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोल सेक्टर में कॉमर्शियल माइनिंग की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को कोयला मंत्री प्रसाद जोशी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्र निर्माण में कोल इंडिया की अहम भूमिका है।...

कोल इंडिया के पास 173 बिलियन टन कोयले का भंडार, सौ साल तक देश की ऊर्जा जरूरतों को कर सकेगा पूरा
विशेष संवाददाता,धनबाद Mon, 18 May 2020 05:29 PM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोल सेक्टर में कॉमर्शियल माइनिंग की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को कोयला मंत्री प्रसाद जोशी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्र निर्माण में कोल इंडिया की अहम भूमिका है। कोल इंडिया को सरकार मजबूत कर रही है। 2023-24 में कोल इंडिया की उत्पादन क्षमता एक बिलियन टन की होगी। 

कोल इंडिया के पास वर्तमान में 173 बिलियन टन कोयले का भंडार है। यानी अगले सौ साल तक देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती है। कोल इंडिया को अभी हाल में 16 नए कोल ब्लॉक भी दिए गए हैं। मालूम हो केंद्र सरकार ने कॉमर्शियल माइनिंग की मंजूरी कोल सेक्टर में दी है। इसके बाद कोयला मंत्री का यह ट्वीट कोयला मंत्रालय के ट्वीटर हैंडल पर ट्रेंड कर रहा है। यानी संकेत दिया गया है कि कॉमर्शियल माइनिंग से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बताते चलें कि कॉमर्शियल माइनिंग से कोल सेक्टर में उदारीकरण का दौर शुरू होगा। खनन एवं कोयले के वितरण (बिक्री) में प्राइवेट इंवेस्टमेंट (निजी निवेश) का मार्ग प्रशस्त होगा।

 निजी कंपनियों को कोयला खनन के साथ-साथ बेचने का अधिकार दिया गया है। इससे कोल इंडिया के कोयले की कीमत और आपूर्ति पर नियंत्रण संबंधी एकाधिकार खत्म हो जाएगा। सरकार का मानना है कि कोयला आयात कम करने में कॉमर्शियल माइनिंग से मदद मिलेगी। देश में विदेशी मुद्रा का भंडार बढेगा। मालूम हो कि भारत दुनिया का अब दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश होने के बाद सालाना 200 मिलियन टन से अधिक कोयले का आयात करता है। 

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