सीसीएल अफसरों ने आयकर विभाग को लगाया एक करोड़ का चूना, 200 पर कार्रवाई की तैयारी
सीसीएल के दो सौ से अधिक अफसरों और कर्मचारियों पर आयकर विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इन्हें गलत दस्तावेज के सहारे ऑनलाइन रिफंड का दावा कर आयकर राशि की वापसी पाने के आरोप में चिह्नित किया गया है।...
सीसीएल के दो सौ से अधिक अफसरों और कर्मचारियों पर आयकर विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इन्हें गलत दस्तावेज के सहारे ऑनलाइन रिफंड का दावा कर आयकर राशि की वापसी पाने के आरोप में चिह्नित किया गया है। इसमें रांची, रामगढ़ और हजारीबाग जिलों के सीसीएल अफसर और कर्मचारी शामिल हैं। इस आरोप में आयकर अधिनियम के तहत छह महीने से तीन साल तक की जेल हो सकती है। ज्ञात हो कि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी और 80 ई के तहत आयकर की चुकाई जाने वाली राशि में छूट का प्रावधान है। शिक्षा के लिए कर्ज और कुछ खास तरह के निवेश या बचत पर भी रियायत मिलती है। सीसीएल अधिकारियों पर आरोप है कि इस रियायत के आधार पर रिफंड के लिए उनलोगों ने गलत दस्तावेजों का उपयोग किया। इसमें एजुकेशन लोन या आयकर छूट वाले निवेश की राशि बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई। इन्हें ऑनलाइन आवेदन के साथ जमा किया। आयकर विभाग की बेंगलुरू स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ने संलग्न दस्तावेजों को सही मानते हुए रिफंड दावे के तहत राशि आरोपियों के खाते में भुगतान कर दी। सूत्रों ने बताया कि कई अधिकारियों ने रिटर्न फाइल करने के बाद भी गलत रिफंड पाने के लिए नए दस्तावेजों के साथ संशोधित ऑनलाइन आवेदन दिया।
एक करोड़ तक की धोखाधड़ी का अनुमान
रिफंड के दावे के लिए दिए गए दस्तावेजों की जांच में यह मामला पकड़ में आया है। सूत्रों ने बताया कि तहकीकात अंतिम चरण में है। इसमें 50 लाख से एक करोड़ तक की राशि की धोखाधड़ी का अनुमान है। आयकर विभाग ने इसके लिए जल्दी ही अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई है। इसके बाद आरोपितों पर अलग-अलग दोष तय कर दंड निर्धारित किया जाएगा। सीसीएल प्रबंधन भी उन पर कार्रवाई कर सकता है।
क्या कहता है सीसीएल प्रबंधन
सीसीएल के कार्मिक जीएम आरएस महापात्रा ने कहा कि अधिकारी या कर्मचारी निजी तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न या रिफंड फाइल करते हैं। अगर किसी ने गलत किया है तो वह भुगतेगा। यह सीसीएल प्रबंधन से जुड़ा मसला नहीं है। हमारे संज्ञान में भी नहीं आया है।