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कैबिनेट फैसला: झारखंड के 129 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित, पेयजल के लिए 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति

झारखंड के 18 जिलों के 129 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। इसके साथ ही 18 जिलों के अलावा खूंटी, गुमला, सिमडेगा और हजारीबाग के...

कैबिनेट फैसला: झारखंड के 129 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित, पेयजल के लिए 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति
हिन्दुस्तान ब्यूरो ,रांची Tue, 20 Nov 2018 10:46 PM
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झारखंड के 18 जिलों के 129 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। इसके साथ ही 18 जिलों के अलावा खूंटी, गुमला, सिमडेगा और हजारीबाग के प्रखंडों में सूखा के आकलन के लिए कृषि विभाग की टीम भेजने का निर्णय लिया गया। इन जिलों में आंशिक सूखे का अनुमान है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 15 एजेंडों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के देरी से आने, रोपनी में देर होने और सितंबर में ओलावृष्टि की वजह से फसल को हुई क्षति के कारण 129 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इसमें 93 प्रखंड गंभीर रूप से और 36 मध्यम गंभीर  रूप से सूखाग्रस्त हैं। इन प्रखंडों के सूखाग्रस्त होने की घोषणा कैबिनेट मंजूरी की प्रत्याशा में 18 नवंबर को ही कर दी गई थी, जिसे मंगलवार को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि खूंटी के कर्रा-तोरपा समेत गुमला, सिमडेगा और हजारीबाग में भी बारिश कम हुई है और इससे यहां फसल की क्षति हुई है। एकबार फिर से कृषि विभाग की ओर से इन जिलों के जिन प्रखंडों से ऐसी शिकायतें हैं वहां जमीनी सत्यापन कराया जायेगा। कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में सुखाड़ को लेकर राज्य कार्यकारिणी समिति की भी बैठक हुई। इसमें 100 करोड़ रुपये पेयजल के लिए स्वीकृत किये गये। साथ ही सभी उपायुक्तों को तत्काल एक-एक करोड़ रुपये देने की स्वीकृति दी गई, ताकि उपायुक्त जरुरत के आधार पर अनुदान दे सकें। 
25 जून को मानसून ने दी थी दस्तक 
झारखंड में इस साल मानसून देर से आया और इसने 25 जून को दस्तक दी। इससे एक जून से 30 जून तक सामान्य रूप से होनेवाली 196.6 मिली मीटर बारिश की जगह 131.8 मिली मीटर बारिश हो सकी। वहीं, एक से 31 जुलाई तक 319.4 मिली मीटर की जगह 263.38 मिली मीटर, एक से 31 अगस्त तक 276.2 मिली मीटर की जगह 213.2 मिली मीटर, एक से 30 सितंबर तक 235.5 मिली मीटर की जगह 133.6 मिली मीटर बारिश हुई। इस तरह राज्य में एक जून से 30 सितंबर तक सामान्य से 1027.7 मिली मीटर औसत अपेक्षित बारिश में मात्र 741.9 मिली मीटर बारिश हो सकी। यह झारखंड में औसत बारिश से 27.8 फीसदी कम है। साथ ही पिछले वर्षों की तुलना में भी कम है। बारिश कम होने की वजह से ही प्रखंडों में खरीफ फसलों की रोपनी और बुआई लक्ष्य से कम हो पाई। जिन क्षेत्रों में रोपनी और बुआई की भी गई, वहां कम बारिश होने से फसल को भारी नुकसान पहुंचा।  


 

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