ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंडकैबिनेट फैसला: झारखंड में पिछड़ा वर्ग को अब एक ही बार बनवाना होगा प्रमाण पत्र 

कैबिनेट फैसला: झारखंड में पिछड़ा वर्ग को अब एक ही बार बनवाना होगा प्रमाण पत्र 

राज्य में जाति प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए मार्गदर्शन तैयार किया गया है। इसके तहत अब जाति प्रमाण पत्र को अंचल अधिकारी के हस्ताक्षर से मान्य माना...

कैबिनेट फैसला: झारखंड में पिछड़ा वर्ग को अब एक ही बार बनवाना होगा प्रमाण पत्र 
रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 21 Feb 2019 09:30 PM
ऐप पर पढ़ें

राज्य में जाति प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए मार्गदर्शन तैयार किया गया है। इसके तहत अब जाति प्रमाण पत्र को अंचल अधिकारी के हस्ताक्षर से मान्य माना जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कार्मिक विभाग के इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने कहा कि राज्य में पिछड़ा वर्ग (बीसी-एक और दो) का प्रमाण पत्र अब एक बार बनवाने से ही मान्य होगा। राज्य में 10 अगस्त 1950 से पहले रह रहे एससी यहां का प्रमाण पत्र ले सकेंगे। इसी तरह एसटी का प्रमाण पत्र छह सितंबर 1950 से पहले रहने वाले और बीसी-1 व बीसी-2 का प्रमाण पत्र 10 नवंबर 1978 के पहले रहने वाले लोगों को मिल सकेगा। केंद्रीय पिछड़ा वर्ग के लिए 8 सितंबर 1993 के पहले से रहने वाले लोगों को प्रमाण पत्र मिलेगा। 
 

आय प्रमाण पत्र को शपथ पत्र देना होगा
खंडेलवाल ने कहा कि केंद्रीय नौकरी या कहीं और के लिए जाति प्रमाण पत्र में सीओ से ऊपर के अधिकारी के हस्ताक्षर की जरूरत होगी, तो सीओ के हस्ताक्षर पर काउंटर हस्ताक्षर किया जाएगा। पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र एक बार बनने के बाद आय संबंधित शपथ पत्र साथ में देने पर वह मान्य होगा। भूमि हीन के लिए ग्राम प्रधान औऱ रैयतों द्वारा चिन्हित किए जाने के बाद प्रमाण पत्र जारी होगा।

भुइयां की उपजाति एससी में शामिल
कैबिनेट ने भुईंयां जाति की उपजातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मूंजूरी दी। क्षत्रीय पाइका, खंडित पाइका, कोटवार, प्रधान, मांझी, देहरी क्षत्रीय, खंडित भुइयां और गड़ाही व गराही को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया। 
सहिया का मानदेय 1000: जल सहिया का मानदेय एक हजार रुपये करने और कार्यों के अनुसार प्रोत्साहन राशि देने की भी मंजूरी दी गई।   

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें