बजट 2021: ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के दो खंड झारखंड से गुजरेंगे, कच्चा माल जल्द पहुंचाया जा सकेगा
झारखंड अगले डेढ़ साल में कोलकाता-अमृतसर ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर से जुड़ जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इस कॉरीडोर के सोननगर-गोमो और गोमो-दानकुनी खंड के निर्माण की घोषणा की है।...

झारखंड अगले डेढ़ साल में कोलकाता-अमृतसर ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर से जुड़ जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इस कॉरीडोर के सोननगर-गोमो और गोमो-दानकुनी खंड के निर्माण की घोषणा की है। ये दोनों खंड झारखंड से गुजरेंगे। बजट में ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर के जून 2022 तक पूरा कर लेने का भी संकल्प व्यक्त किया गया है।
ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर झारखंड में 196 किलोमीटर लंबाई में होगा। इससे होकर केवल मालगाड़ियां गुजरेंगी जो औद्योगिक उत्पादों या कच्चे माल को उनके ठिकाने तक तेज रफ्तार से पहुंचाएंगी। झारखंड के उद्योगों तक भी इस कॉरीडोर के जरिए तेजी से कच्चा माल पहुंचेगा और तैयार माल भेजा जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में इसके निर्माण का एलान किया है। पहले सोननगर-गोमो खंड तैयार होगा। उसके तुरंत बाद गोमो-दानकुनी खंड का भी निर्माण शुरू हो जाएगा। ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर के दोनों ओर 10 किलीमोटर की दूरी तक इंडस्ट्रियल टाऊनशिप पहले से ही केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा हो चुका है।
प्रदेश के 19 जिलों में दूर होगा कुपोषण
केंद्रीय बजट की घोषणाओं से झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में कुपोषण दूर करने का रोडमैप भी तैयार होगा। ये नीति आयोग की ओर से चयनित 112 आकांक्षी जिलों में शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के सभी आकांक्षी जिलों के लिए मिशन पोषण 2.0 शुरू करने की घोषणा की है। देश के सबसे अधिक पिछड़े जिलों को आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल किया गया है। झारखंड में ये आकांक्षी जिले गढ़वा, गिरिडीह, साहेबगंज, पाकुड़, बोकारो, लोहरदगा, हजारीबाग, रामगढ़, दुमका, रांची, चतरा, खूंटी, लातेहार, गोड्डा, गुमला, सिमडेगा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम हैं।
