असर की रपोर्ट में झारखंड के बच्चे बेअसर, पांचवीं के 34 फीसदी बच्चे ही पढ़ पाते हैं दूसरी का पाठ
झारखंड के पांचवीं के छात्र-छात्राएं दूसरी का पाठ पढ़ने में देशभर में फिसड्डी हैं। सरकारी और निजी स्कूल के पांचवीं के 34 फीसदी बच्चे ही दूसरी का पाठ पढ़ सकते हैं। वहीं, गणित में भाग देने में भी देश के...

झारखंड के पांचवीं के छात्र-छात्राएं दूसरी का पाठ पढ़ने में देशभर में फिसड्डी हैं। सरकारी और निजी स्कूल के पांचवीं के 34 फीसदी बच्चे ही दूसरी का पाठ पढ़ सकते हैं। वहीं, गणित में भाग देने में भी देश के पिछड़े राज्यों में चौथे स्थान पर हैं। 19 फीसदी विद्यार्थी ही भाग दे पाते हैं। इसका खुलासा प्रथम के एनुवल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर 2018) में हुआ है। नई दिल्ली में मंगलवार को असर 2018 जारी की गई।
झारखंड में कक्षा तीसरी और आठवीं के छात्र भी दूसरी का पाठ पढ़ने में देशभर में नीचले पायदान पर हैं। क्लास तीन के छात्र-छात्रा देश में 25वें और आठवीं के 24वें स्थान पर हैं। यही हाल दूसरी का भाग देने में भी है। तीसरी के बच्चे देश में 24वें और आठवीं के 16वें स्थान पर हैं। झारखंड के सरकारी स्कूलों के पांचवीं के 70 फीसदी छात्र तीसरी का पाठ नहीं पढ़ सकते हैं, जबकि 36 फीसदी निजी स्कूलों के छात्र पाठ पढ़ने में असमर्थ हैं।
आठवीं के 56 फीसदी बच्चों को नहीं आता भाग
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 56 फीसदी बच्चों को भाग देना नहीं आता है। ये बच्चे अक्षर या संख्या की पहचान के साथ-साथ सिर्फ घटाव ही कर सकते हैं। आठवीं के 44 फीसदी बच्चे हैं, जो अक्षर, संख्या पहचान सकते हैं, घटाव दे सकते हैं और भाग कर सकते हैं। वहीं, क्लास तीन के 12 फीसदी बच्चे नौ तक अंक नहीं पहचान सकते हैं, जबकि दूसरी के 23.6 फीसदी और पहली के 45.4 फीसदी छात्र-छात्रा नौ तक का अंक नहीं पहचान सकते हैं।
कक्षा तीन के 17 फीसदी बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं
झारखंड के कक्षा तीन में पढ़ने वाले 17 फीसदी बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं है। दूसरी के 32 फीसदी और पहली के 53 फीसदी बच्चों को अक्षर के बारे में नहीं जानकारी नहीं है। क्लास तीन के 29.6 फीसदी छात्र-छात्रा को अक्षर और 21.9 फीसदी को शब्द पहचानना आता है।
