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झारखंड सहकारिता बैंक की रांची, चाईबासा और सरायकेला शाखा में 150 करोड़ के घोटाले में एसीबी ने दर्ज की पीई

झारखंड राज्य सहकारिता बैंक की रांची, चाईबासा और सरायकेला शाखा में करोड़ो के घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी(पीई) दर्ज की है। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल, सचिवालय और...

झारखंड सहकारिता बैंक की रांची, चाईबासा और सरायकेला शाखा में 150 करोड़ के घोटाले में एसीबी ने दर्ज की पीई
रांची मुख्य संवाददाताSat, 27 Jun 2020 04:34 PM
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झारखंड राज्य सहकारिता बैंक की रांची, चाईबासा और सरायकेला शाखा में करोड़ो के घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी(पीई) दर्ज की है। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल, सचिवालय और निगरानी विभाग से जांच संबंधी आदेश मिलने के बाद एसीबी मुख्यालय ने इस संबंध में पीई की है। पीई में दोषी पाए जाने वाले अफसरों को चिन्हित कर एसीबी आगे एफआईआर की कार्रवाई करेगी। 

गौरतलब है कि सीआईडी भी सरायकेला में 38 करोड़ के लोन घोटाले की जांच कर रही है। सीआईडी से अतिरिक्त अन्य मामलों की जांच एसीबी के द्वारा की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सहकारिता बैंक में 150 करोड़ से अधिक की अनियमितता पाई गई है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एसीबी ने घोटाले की जांच शुरू की है। 28 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सहकारिता बैंक में अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया था।

वित्त विभाग के विशेष जांच दल ने पाई थी गड़बड़ी : वित्त विभाग के विशेष जांच में रांची शाखा में नौ करोड़ 98 लाख 21 हजार 155 रुपए की अनियमितता पाई थी। वहीं, बैंक की सरायकेला शाखा में 522.27 लाख रुपए के वित्तीय गबन की पुष्टि हुई थी। कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग ने झारखंड राज्य सहकारी बैंक की रांची और सरायकेला शाखा में गबन का मामला सामने आने पर तत्कालीन निबंधक, सहयोग समितियां और विभागीय सचिव के संयुक्त जांच दल का गठन किया था। जांच दल ने इस मामले में दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें लाल मनोज नाथ शाहदेव, तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी,चाईबासा और जयदेव प्रसाद सिंह, तत्कालीन महाप्रबंधक, झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड और राम कुमार प्रसाद, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, देवघर-जामताड़ा सहकारी बैंक को निलंबित किया गया था।

कैसे-कैसे आरोप
रांची शाखा के संबंध में  विभागीय विशेष जांच प्रतिवेदन और विभागीय स्तर पर गठित जांच समिति की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में अनियमित तरीके से ऋण देने, जादूगोड़ा शाखा के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक-सह-शाखा प्रबंधक उमेशचंद्र सिंह को अनियमित रूप से सेवा विस्तार देने और रांची के शहीद चौक स्थित बैंक भवन के नवीकरण कार्य में अनियमितता बरतने का आरोप है। 

चेक मुद्रण के व्यय में अनियमितता बरतने, कंप्यूटर सहायक की नियुक्ति में गड़बड़ी और गुमला-सिमडेगा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मियों को नियम विरुद्ध तरीके से सेवा नियमितीकरण किए जाने के भी आरोपों की भी जांच होनी है। 

वित्त विभाग के विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन और विभागीय स्तर पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट में भी कई गड़बड़ियों का जिक्र है। इनमें झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के सरायकेला शाखा में फर्जी प्रविष्टि करते हुए ऋण राशि का समायोजन कर गबन करने, फर्जी बैंक ड्राफ्ट बनाकर राशि का गबन करने, बिना बजट के नकद व्यय कर गड़बड़ी करने, अनियमित और असुरक्षित चेक पर्चेज करने, अनियमित रूप से संजय कुमार डालमिया को कैश क्रेडिट लोन देने और बिना सिक्योरिटी के अनियमित रूप से अग्रिम दिए जाने से संबंधित आरोप आरोप शामिल हैं।  
 

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