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लेह में फंसे 55 प्रवासी मजदूर विमान से रांची पहुंचे 

लॉकडाउन के दौरान लेह में फंसे झारखंड के 55 मजदूरों को सोमवार को दिल्ली होते हुए विमान से रांची लाया गया। दुमका जिले के इन सभी मजदूरों को एयरपोर्ट से बस के जरिए उनके जिले में भेजा गया। इस दौरान बिरसा...

लेह में फंसे 55 प्रवासी मजदूर विमान से रांची पहुंचे
1/ 2लेह में फंसे 55 प्रवासी मजदूर विमान से रांची पहुंचे
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लेह से पहुंचे प्रवासी मजदूरों का स्वागत करते मंत्री मिथिलेश और बादल।
2/ 2बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लेह से पहुंचे प्रवासी मजदूरों का स्वागत करते मंत्री मिथिलेश और बादल।
रांची संवाददाता Wed, 10 Jun 2020 01:51 AM
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लॉकडाउन के दौरान लेह में फंसे झारखंड के 55 मजदूरों को सोमवार को दिल्ली होते हुए विमान से रांची लाया गया। दुमका जिले के इन सभी मजदूरों को एयरपोर्ट से बस के जरिए उनके जिले में भेजा गया। इस दौरान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से उनके बीच भोजन का पैकेट बांटा गया। लेकिन, अपने जिला रवानगी से पूर्व मजदूरों ने जो व्यथा सुनाई वह रोंगटे खड़े देने वाली थी।

कृषि मंत्री ने उपायुक्त को दिया कार्रवाई का निर्देश : लेह से मजदूरों के आगमन के दौरान कृषि मंत्री बादल भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। जब मजदूरों ने लेह में मजदूरी के पूरे पैसे नहीं मिलने की शिकायत की तो मंत्री ने तुरंत दुमका उपायुक्त से बात की और मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराते हुए सभी का बयान दर्ज कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं मजदूरों को भरोसा दिलाया कि जिस एजेंसी और एजेंट ने आपका पैसा रोका है, उनसे पूरी मजदूरी की वसूली जिला प्रशासन की मदद से की जाएगी। 

बाहर फंसे हर श्रमिक को वापस लाया जाएगा : एयरपोर्ट पर पेयजल स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथलेश ठाकुर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बाहर और भी लोग फंसे हैं। एक-एक श्रमिक को वापस लाया जाएगा। मुख्यमंत्री सीमित संसाधनों में संस्थाओं के सहयोग से राज्य के मजदूरों को वापस लाने का काम कर रहे हैं। हमारी सरकार जो वादा करती है, उसे पूरा जरूर करती है।

आज भी करीब सवा सौ श्रमिक लौटेंगे : बाहर फंसे करीब सवा सौ मजदूरों को मंगलवार को भी विमान से लाया जाएगा। पहला विमान शाम 6.40 बजे और दूसरा शाम 7.40 बजे मजदूरों को लेकर आएगा।  

आठ महीने तक काम किया फिर भी पूरे पैसे नहीं दिए : दुमका के रहने वाले मजदूर गोधारी सोरेन ने बताया कि वह रोड बनाने का काम करने कश्मीर गए था। वहां आठ माह से काम कर रहे थे, जिसके एवज में मात्र 60 हजार रुपए दिए गए, जबकि मोख्तार नामक एजेंट ने काम करवाने के लिए प्रतिमाह 9 से 10 हजार रुपए देने की बात कहकर ले गया था। जो पैसे मिले वे लॉकडाउन के दौरान रहने-खाने में खर्च हो गए। 

एक तो ठंड ऊपर से मजदूरी के नाम पर धोखाधड़ी हुई : मजदूर अमजद अंसारी ने बताया कि वह भी सड़क निर्माण काम के लिए बीते वर्ष सितंबर में लेह गए थे। वहां काफी ठंड तो थी ही लॉकडाउन में काम भी बंद हो गया था। मुश्किल से दिन गुजर रहे थे। सरकार की मेहरबानी से लौट आए हैं, लेकिन दोबारा अब नहीं जाएंगे। मोतीलाल महली ने बताया कि एजेंट ने काम के एवज में मात्र 20 हजार रुपए ही दिए। 

बिरसा एयरपोर्ट पर प्रवासी श्रमिकों का स्वागत करने पहुंचे दो मंत्री : पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर और कृषि मंत्री बादल ने सोमवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में लेह लद्दाख से लौटे प्रवासी मजदूरों का स्वागत किया। सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन के पैकेट व पानी की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद उन्हें बसों से उनके घरों तक पहुंचाया गया। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हवाई जहाज से प्रवासी मजदूरों को लाने का सिलसिला हेमंत सरकार में पूर्व में ही शुरू हो चुका है। सरकार अपने  प्रयासों से दुर्गम स्थानों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को हवाई मार्ग से झारखंड लाने की व्यवस्था निरंतर कर रही है। वैसे सभी दुर्गम इलाकों जहां परिवहन के साधन मौजूद नहीं है, वहां से प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से निरंतर वापस झारखंड लाया जा रहा है और जब तक हमारे सभी झारखंडी प्रवासी मजदूर नहीं आ जाते तब तक यह क्रम चलता रहेगा। इस निमित राज्य के अधिकारी अन्य राज्यों से लगातार समन्यव बनाकर कार्य कर रहे हैं।  मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों से ही यह सब संभव हो पा रहा है तथा पूरे देश में यह संदेश गया है कि गरीब, मजदूरों, लाचारों कि सुध लाने वाली कोई सरकार है तो वो हेमंत सोरेन की सरकार है। सरकार ने कठिन परिस्थितियों में भी ट्रेन एवं हवाई जहाज से प्रवासी मजदूरों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य किया है। 

जम्मू से आज चार बसें रवाना होंगी : जम्मू में रह रहे 180 प्रवासी झारखंडियों को लेकर चार बसें मंगलवार को झारखंड के लिए रवाना होंगी। अभिनेता सोनू सूद और आईआईएम वीमेन फॉर सोशल एक्शन की ओर से इसकी पहल की गई है। झारखंड सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है। जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ इसके लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। झारखंड सरकार को भी इसकी सूचना दे दी गई है। यह जानकारी आईआईएम वीमेन की अलका तिवारी ने दी। आस-पास के इलाकों से झारखंड के मजदूरों को सोमवार को ही जम्मू बुला लिया गया। वहां उन सबकी थर्मल स्कैनिंग कर ली गई है। प्रवासी झारखंडियों के बुधवार तक रांची पहुंचने की संभावना है।  

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