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झारखंड के विकास के लिए दिए गए चार लाख करोड़: अमित शाह

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पिछले चार साल में झारखंड को विकास के लिए चार लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। ये राशि स्वच्छता अभियान, अमृत योजना, आवास योजना, स्मार्ट सिटी समेत अन्य विकास...

झारखंड के विकास के लिए दिए गए चार लाख करोड़: अमित शाह
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 12 Jul 2018 06:12 AM
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पिछले चार साल में झारखंड को विकास के लिए चार लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। ये राशि स्वच्छता अभियान, अमृत योजना, आवास योजना, स्मार्ट सिटी समेत अन्य विकास कार्यों को लिए दिए गए हैं। लोगों की बातों में नहीं आएं। चार साल में विकास हुआ या नहीं, यह देखें फिर फैसला लें। नरेंद्र मोदी को 2019 में फिर प्रधानमंत्री बनाने में सहयोग करें। अमित शाह बुधवार को रांची में आदिवासी बुद्धिजीवियों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

चार साल का हिसाब देने आया हूं....
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि चार साल पहले नरेंद्र मोदी ने जब पद संभाला तो सबसे पहले गरीब, पिछड़े, अऩुसूचित जाति, जनजाति, आदिवासी के विकास की बात कही। उसी तरह से योजनाएं बनीं। 2019 में चुनाव होना है। इसकी तैयारी के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहा हूं। लोगों को चार साल का हिसाब दे रहा हूं। हिसाब लेना आपका अधिकार है। झारखंड के गरीबों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को हिसाब देने आया हूं।

केंद्र ने गरीबों को दिया सिलेंडर व रघुवर ने चूल्हा
अमित शाह ने केंद्र सरकार के चार साल की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने उज्जवला, उजाला, शौचालय निर्माण, कौशल विकास, बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा, एकलव्य विद्यालय की स्थापना समेत अन्य योजनाओं की चर्चा की। रघुवर सरकार की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों को गैस सिलेंडर दिया लेकिन रघुवर दास ने चूल्हा भी उपलब्ध कराया। उन्होंने बताया कि देश में 30 करोड़ बैंक खाते खोले गए। इनमें सबसे अधिक खाते अनुसूचित जनजाति के लोगों के हैं। आठ करोड़ लोगों को रसोई गैस कनेक्शन मिले। हर गांव घर तक बिजली पहुंचायी गई। देश के 115 पिछड़े जिलों में विकास का काम शुरू किया गया। अगस्त-सितंबर तक 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलने लगेगा। 19 करोड़ लोगों का दुर्घटना और जीवन बीमा कराया गया। खनिज कल्याण योजना के तहत खनिज वाले क्षेत्र के विकास के लिए फंड बनाया गया। आज 18 हजार करोड़ रुपये इसमें जमा हैं, जिससे विकास का काम हो रहा। बांस के उत्पादन को बढ़ाने और इसे बढ़ावा देने के लिए बांस को वन से अलग किया गया। वन-बंधु कल्याण योजना शुरू की गई। किसानों के लिए समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया। हर जिले में एक आवासीय विद्यालय खोलने की योजना है। अब तक 184 एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले गए।

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