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खुलासा : जमशेदपुर में होती थी देश भर के ATM की क्लोनिंग, 22 करोड़ की ठगी

देश भर में एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर जो साइबर ठगी हो रही थी, उसमें एक गिरोह क्लोनिंग जमशेदपुर में ही करता था। रविवार को इसका खुलासा साइबर पुलिस ने किया। इस गिरोह 21 सदस्य शामिल हैं। एटीएम कार्ड...

खुलासा : जमशेदपुर में होती थी देश भर के ATM की क्लोनिंग, 22 करोड़ की ठगी
Shivendra Singh संवाददाता, जमशेदपुर।Mon, 10 Feb 2020 04:45 AM
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देश भर में एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर जो साइबर ठगी हो रही थी, उसमें एक गिरोह क्लोनिंग जमशेदपुर में ही करता था। रविवार को इसका खुलासा साइबर पुलिस ने किया। इस गिरोह 21 सदस्य शामिल हैं।

एटीएम कार्ड की क्लोनिंग के लिए सदस्यों ने एमजीएम के बालीगुमा और बागुनहातु में ठिकाना बना रखा था। क्लोनिंग करने में छह से सात घंटे लगते थे। पिछले एक साल में इस गिरोह ने 22 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। साइबर पुलिस का मानना है कि एटीएम कार्ड की क्लोनिंग के कई गिरेाह हैं, जिनमें से एक जमशेदपुर में पकड़ा गया है। लेकिन अभी इस गिरोह का सरगना पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

ऐसे करते थे ठगी
ठग वैसे एटीएम को अपना निशाना बना रहे हैं, जहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं होते। इन एटीएम में गिरोह के सदस्य स्किमिंग डिवाइस लगाकर कार्ड की क्लोनिंग करते थे और लोगों के खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

बिहार के नालंदा का है रुपेश
पुलिस के हत्थे चढ़ा रुपेश कुमार उर्फ रितेश कुमार बिहार के नालंदा जिला स्थित इटौरा का रहने वाला है। पुलिस ने इसके पास से दस एटीएम कार्ड, एक मोबाइल, एक आधार कार्ड, नए एकाउंट खुलवाने की जमापर्ची (यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया), एक बैंक खाता, जिसमें बबली कुमारी का नाम अंकित है, उसे बरामद किया है।

रविवार को अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में साइबर थाना प्रभारी उपेन्द्र कुमार मंडल ने बताया कि गिरोह के सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी जाती थीं। इनके पास बेशकीमती कारें हैं। इनका काम चार भाग में होता था। एक टीम एटीएम की रेकी कर खाली मिलने पर उसमें स्कीमिंग मशीन और कैमरा लगाती थी। दूसरी टीम एटीएम कार्ड स्कैन करने के बाद उसे निकालती थी। तीसरी टीम एटीएम कार्ड की जानकारी इकट्ठा कर चौथी टीम को सौंपती थी। चौथी टीम पैसों का ट्रांजेक्शन करती थी।

बोलेरो से भागे साथी
रितेश को मानगो डिमना रोड से गिरफ्तार किया गया। मौके से इसके दो साथी बोलेरो से भागने में सफल रहे। पहले इसने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि वह जमशेदपुर घूमने आया था, लेकिन बाद में वह टूट गया।

गिरोह का सरगना राणा बदलता है वेश
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह में 21 सदस्य हैं, जिसमें जमशेदपुर में नौ लोग काम करते हैं। इसका सरगना कांता उर्फ गोपाल उर्फ राणा उर्फ मुन्ना है। जो अपना ठिकाना और वेश बदलता रहता है। राणा का मुख्य साथी राहुल कुमार है, जो पटना का रहने वाला है। गिरोह के सभी सदस्यों को फोन से राहुल डील करता है।

जहानाबाद में भी है गिरोह
गिरोह के अन्य साथियों में बिहार के जहानाबाद निवासी नीतीश उर्फ नीलेश, घाटशिला निवासी प्रदीप मजुमदार, गया महावीर कॉलोनी का पन्ना कुमार सोनी उर्फ गोपाल, जो वर्तमान में एमजीएम थाना क्षेत्र के भिलाई पहाड़ी में भाड़े पर रह रहा था, सिदगोड़ा बागुनहातु निवासी मंतोष पोद्दार, अविनाश और कौशिक शामिल हैं। पुलिस को अविनाश का पता नहीं मिल पाया है।

सर्किट हाउस एरिया में रहता है एक सदस्य
एक नम्बर कौशिक का मिला है, जिसका पता सर्किट हाउस एरिया का है। पुलिस ने प्रदीप और सोनी उर्फ गोपाल को तीन दिन पहले ही साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि उस वक्त सोनी ने पुलिस को अपना नाम सोनू कुमार महतो बताया था लेकिन रितेश के पकड़े जाने के बाद उसका असली नाम पन्ना कुमार सोनी होने का पता चला।

बैंक कर्मियों से मिलकर खुलवाते हैं फर्जी अकाउंट
प्रदीप और पन्ना का मुख्य काम जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर बैंककर्मियों की मिलीभगत से बैंकों में अकाउंट खुलवाना था। पुलिस को जानकारी मिली है कि दोनों ने आदित्यपुर इंडियन बैंक की शाखा में कई खाते खुलवाए हैं। रितेश कुमार ने भी फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से साकची आईसीआईसीआई बैंक में अपना खाता खुलवाया है। गिरोह के सदस्य राहुल कुमार, मंतोष पोद्दार और कौशिक एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर लोगों को आधार कार्ड से लिंक करने, एटीएम की वैधता समाप्त होने व अन्य तरह का झांसा देकर जमशेदपुर, सरायकेला और आसपास के जिले के लोगों से ठगी करते हैं।

इस मामले में पुलिस ने पहले ही इंडियन बैंक आदित्यपुर के बैंक कर्मचारी मुकेश समानता को नोटिस जारी कर दिया है। पुलिस ने प्रदीप और पन्ना की निशानदेही पर शनिवार को मंतोष पोद्दार के घर में छापेमारी भी की थी। जहां से कई बैंक पासबुक, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड व पैन कार्ड मिले थे।

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