ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड सिमडेगाग्रामीणों ने चंदा कर झारखंड-छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए खोला कोचिंग

ग्रामीणों ने चंदा कर झारखंड-छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए खोला कोचिंग

कोई बच्‍चे का प्रथम पाठशाला उनका घर, परिवार और समाज होता है और अभिभावक व उनके माता पिता उनके प्रथम गुरु होते...

ग्रामीणों ने चंदा कर झारखंड-छत्तीसगढ़ के बच्चों  के लिए खोला कोचिंग
हिन्दुस्तान टीम,सिमडेगाWed, 08 Jan 2020 11:51 PM
ऐप पर पढ़ें

कोई बच्‍चे का प्रथम पाठशाला उनका घर, परिवार और समाज होता है और अभिभावक व उनके माता पिता उनके प्रथम गुरु होते हैं। परिवार और गांव में माता पिता का सहयोग किसी भी बच्‍चे का शैक्षणिक स्‍तर को बढ़ाने के लिए महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए झारखंड और छत्‍तीसगढ़ की सीमा में स्थित जिले के सुदुरवर्ती गांव बानमारा के ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर गांव के बच्‍चों के लिए नि:शुल्‍क कोचिंग क्‍लास करा रहे हैं। यहां मानव जाति का रंग-रुप, जाति-धर्म और राज्‍य नहीं देखा जाता है। सभी गरीब बच्‍चों को शिक्षा का समान अधिकार मिलता है। चाहे वह झारखंड के हों अथवा छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के कोई भी जाति का हो। सभी को रहने-खाने, कॉपी, पेन से लेकर पढ़ाई की पुरी व्‍यवस्‍था नि:शुल्‍क में कराई जाती है। मां शारदा धाम समिति के अध्‍यक्ष राज कुमार जो की छत्‍तीसगढ़ के निवासी है और झारखंड के त्रिलोचन प्रधान ने बताया कि जंगलों पहड़ों में गांव रहने के कारण आस पास के गरीब बच्‍चे गरीबी के कारण बाहर जाकर कोचिंग नहीं कर पाते थे। जिसके कारण रिजल्‍ट भी अच्‍छी नहीं हो पाती थी। उन्‍होंने बताया कि हर वर्ष स्‍कूल की छुट्टी होने के बाद आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को नि:शुल्‍क में कोचिंग क्‍लास कराई जाती है। मां शारदे की साक्षात उपस्थिति की अनुभूति कराता है बानमारा गांवशारदा धाम के नाम से विख्‍यात उक्‍त गांव में मां सरस्‍वती की मंदिर भी है और गांव का वातावरण व माहौल भी मां शारदे की साक्षात उपस्थिति की अनुभूति कराती है। गांव में पढ़े लिखे शिक्षित लोगों के द्वारा सभी गरीब बच्‍चों के लिए नि:शुल्‍क कोचिंग कराकर उन्‍हें स्‍कूल और प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। बच्‍चों के लिए की गई है रहने-खाने से लेकर अन्‍य कई सुविधा छात्र-छात्राओं के रहने,खाने की सुविधा भी धाम से जुडे लोग और दोनों ही राज्‍य के आस पास के ग्रामीण करते हैं। वहीं लाईट कट जाने पर पढ़ाई में बाधा न हो इसलिए सोलर की भी व्‍यवस्‍था धाम के सहयोग से किया गया है। बताया गया कि उक्‍त छात्रों का जब भी स्‍कूल से छुट्टी होती है। तब उक्‍त क्‍लास कराई जाती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें