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बीमा और पेंशन येाजना को बंद कर अपनी जीविका चला रहे है निजी स्कूल के शिक्षक

पिछले आठ महीने से लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से नीजी स्कूलो के शिक्षको का हालत बुरा है। लॉकडाउन में भी ऑनलाईन शिक्षा दे रहे नीजी स्कूल के शिक्षक का दर्द देखने वाला कोई नहीं...

बीमा और पेंशन येाजना को बंद कर अपनी जीविका चला रहे है निजी स्कूल के शिक्षक
हिन्दुस्तान टीम,सिमडेगाThu, 22 Oct 2020 03:01 AM
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पिछले आठ महीने से लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से नीजी स्कूलो के शिक्षको का हालत बुरा है। लॉकडाउन में भी ऑनलाईन शिक्षा दे रहे नीजी स्कूल के शिक्षक का दर्द देखने वाला कोई नहीं है। जिले के दर्जनो नीजी स्कूलो में पढाने वाले शिक्षको को पिछले आठ महीने से या तो सैलरी नहीं मिल रही है या आधाी मिल रही है। किसी समय राज्य में शिक्षा के प्रचार के लिए सरकार द्वारा दिया गया नारा आधाी रोटी खाएगें फिर भी स्कूल जाएगी।

यह नारा अब निजी स्कूलो के शिक्षको पर फिट हो रही है। नाम नहीं छापने के शर्त्त में शिक्षको ने बताया कि उन्हें स्कूल से आधी सैलरी मिल रही है। सरकारी स्कूलो की तुलना में एक चौथाई सैलरी में काम कर रहे शिक्षक आधी सैलरी पर अपने परिवार को पालने पर मजबूर है। कुछ शिक्षको ने बताया कि आधी सैलरी मिलने से हुए आर्थिक तंगी के कारण शिक्षको ने अपना बीमा को तोड दिया है और बीमा की राशि से ही घर चला रहे है।

वहीं दो शिक्षक ने बताया कि वे लोग अटल पेंशन योजना को रोक दी है और अपनी जीविका चला रहे है। वहीं कुछ शिक्षको ने बताया कि शिक्षक होने के नाते उन्हें दुसरा काम भी नहीं मिल पाता है। जिससे कई परेशानियां खडी हो रही है। इधर निजी स्कूल के संचालक ने भी कहा कि लॉकडाउन में स्कूल की आमदनी पूरी तरह से बंद हो गई है। इसलिए शिक्षको को आधा वेतन दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि स्थिति समान्य होने तक शिक्षको को बकाया वेतन का भुगतान भी किया जाएगा।

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