चार बड़े जलाशय योजना से खेतों को मिल रही है सिंचाई की सुविधा
सिमडेगा जिले में चार बड़े सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं, जिसमें कांसजोर, छिंदा, रामरेखा और लरबा जलाशय शामिल हैं। ये परियोजनाएं किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए तैयार की गई हैं। कांसजोर जलाशय से 3890...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। जिले में सिंचाई के नाम पर चार बड़े सिंचाई परियोजना चल रही है। जिसमें कांसजोर जलाशय, छिंदा जलाशय, रामरेखा जलाशय और लरबा डैम शामिल है। सभी चारो परियोजना हाल के दिनों में ही बनकर तैयार हुए है। जबकि रामरेखा जलाशय के नहर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। कांसजोर जलाशय से पाकरटांड़ प्रखंड के खेत लहलहा रहे है। कांसजोर नहर के निर्माण होने के बाद प्रखंड के किसान साल में दो से तीन खेती भी कर रहे है। इसी तरह छिंदा जलाशय से मेरोमडेगा, पंडरीपानी आदि गांव के किसानों को लाभ मिल रहा है। लरबा डैम से कोलेबिरा प्रखंड के किसानों को लाभ मिल रहा है।
वर्तमान में डैम के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। बताया गया कि कांसजोर जलाशय से 3913 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य था। जिसमें 3890 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो रही है। इसी तरह छिंदा जलाशय से 1420 हे. और लरबा डैम से 200 हे. जमीन को सिंचित किया जा रहा है। लरबा डैम में भी नहर निर्माण का कार्य चल रहा है। इधर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जलाशय योजना के माध्यम से किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले इसके लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलते ही तुरंत नहरों का मरम्मत कराया जाता है ताकि पानी बर्बाद न हो।
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