पिता का सहारा बन बेटी एंजलो बनी है युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत
सिमडेगा की 12वीं कक्षा की छात्रा एंजलो लकड़ा चाय बेचकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रही है। उसने अपने पिता की मदद करने का निर्णय लिया और अब वह अपने भाई-बहनों के साथ चाय बनाकर...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। मार्केट कम्पलेक्स में भीड़ भाड़ के बीच एक युवती अपने हाथ में चाय का कंटेनर लेकर माथे के पसीने को पोछते हुए चल रही थी। जिस उम्र में युवा मौज मस्ती करते है उस उम्र में एंजलो चाय बेचकर अपनी खुद की पढ़ाई और घर परिवार चलाने की कोशिश कर रही है। सामटोली में रहने वाली 12 वीं कक्षा की छात्रा एंजलो लकड़ा उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो संसाधनो का अभाव दिखाकर रोना रोते है। डीएवी स्कूल में पढ़ने वाली एंजलो ने बताया कि उनके पिता पॉल लकड़ा भी ठेला चलाते है और मां गृहणी है। उन्होंने बताया कि उसके दो बहन और एक भाई है जो स्कूल में पढ़ाई करते है। एंजलो ने बताया कि पिता की कमाई से सभी की पढ़ाई लिखाई और घर चलाने में परेशानी हो रही थी। पापा की तकलीफ देखकर उसने भी खाली समय में पापा की मदद करने की इच्छा रखी। एंजलो ने बताया कि शुरुआत में तो पापा ने मना किया लेकिन उसकी जिद के आगे पापा तैयार हो गए। उसने बताया कि पापा ने उसके हौसले को हवा दी और कहा कि चाय बेच कर तुम अच्छा कमा सकती हो। एंजलो ने बताया कि पापा के उत्साहवर्द्धन के बाद वो घर में अपनी बहन के साथ मिलकर चाय बनाती है। और शहर में घुमकर बेचती है। उन्होंने बताया कि चाय बेचने में उन्हें कोई शर्म महसुस नहीं होती है। एंजलो ने कहा कि बेटी बोझ नहीं है, बेटी पिता का सहारा मां का प्यारा और भाई बहनो का दुलारा होती है। एंजलो ने कहा कि वह पढ़लिख कर मेडिकल लाईन में जाना चाहती थी लेकिन अब वह बिजनेस उमैन बनना चाहती है ताकि उसके जैसे संघर्ष करने वाले यवाओं को रोजगार दे सके।
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