आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए कलाकारों की खोज में जुटा एमडब्यू सोसाईटी
मशाल वेल्फेयर सोसाइटी द्वारा जिले में आदिवासी संस्कृति को बचाने की दिशा में कवायद शुरु कर दी गई है। सासइटी के माध्यम से जिले में चार हंट का कार्यक्रम किया जाना है। कार्यक्रम के माध्यम से कुल 150...
मशाल वेल्फेयर सोसाइटी द्वारा जिले में आदिवासी संस्कृति को बचाने की दिशा में कवायद शुरु कर दी गई है। सासइटी के माध्यम से जिले में चार हंट का कार्यक्रम किया जाना है। कार्यक्रम के माध्यम से कुल 150 आदिवासी कलाकारों को खोज निकालने का लक्ष्य रखा गया है। जानकारी देते हुए सोसाईटी के अध्यक्ष मोहन बड़ाईक ने बताया कि चयनित सभी कलाकारों के गीतों का राईटअप तैयार कर रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसके बाद मिन्स्ट्री ऑफ ट्राईबल अफेयर्स एंड ट्राईबल गीत संगीत प्रोमोशन के लिए टीवी और रेडियो में पब्लिश कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुराने कलाकारों द्वारा गीत संगीत को छोड़ने के बाद नए कलाकार अपनी प्राचीन परम्पराओं से जुड़े गीत संगीत को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इसे देखते हुए संस्था द्वारा पुराने कलाकारों को मंच में जुटाया जा रहा है तथा उनके माध्यम से संस्कृति को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि संस्था के द्वारा आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करते हुए गौरवशाली विरासत को बचाकर पुरानी लोकनृत्य और गीत पद्धति को जीवित रखने का कार्य किया जा रहा है। जनजातीय कार्यमंत्री जुएल उरांव आज केरसई में मशाल वेल्फेयर सोसाईटी के बैनर तले प्रखंड के बाबा धनी नगर गढ़ बासेन में आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत गीत संगीत संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जनजातीय कार्यमंत्री जुएल उरांव की विशेष उपसिथति होगी। वहीं विशिष्ट अतिथि में जनजातीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में रंगारंग पौराणिक सांस्कृतिक, ठेठ नागपुरी गीत-संगीत और नृत्य का आयोजन किया जाएगा। जानकारी देते हुए मशाल वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष मोहन बडाईक ने लोगो से कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है।-