
शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज में उमड़ा जनसैलाब, राजनाथ समेत दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
संक्षेप: शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए राज्य की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर नेमरा में शनिवार को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत देश के दिग्गज नेताओं ने दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
झारखंड में नेमरा की माटी एकबार फिर भावुक हो उठी जब लाखों लोग यहां अपने नेता शिबू सोरेन को नमन करने उमड़ पड़े। शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म शनिवार को उनके पैतृक गांव रामगढ़ जिले के नेमरा में आयोजित हुआ। सुबह से ही उनको अंतिम जोहार देने के लिए सड़कों पर भीड़ जुटने लगी थी। श्राद्ध कर्म आदिवासी परंपरा और रीति के अनुसार हुआ। हेमंत सोरेन, उनके बेटों और भाई बसंत ने मुंडन करा रखा था।

कद्दावर नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
सीएम हेमंत सोरेन खुद पूरे कार्यक्रम की देखरेख कर रहे थे। दिशोम गुरु के संस्कार भोज में राजनीतिक, सामाजिक और विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हुए। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, योग गुरु बाबा रामदेव, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद पप्पू यादव समेत बड़ी संख्या में कद्दावर नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
शिबू सोरेन के योगदान को किया याद
इन सभी नेताओं ने गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गुरुजी की धर्मपत्नी रूपी सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, कल्पना सोरेन और परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की। सभी ने दिशोम गुरु की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके राष्ट्र के लिए अद्वितीय योगदान का स्मरण किया।
रक्षा मंत्री ने बिरसा मुंडा से की तुलता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिबू सोरेन की तुलना आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा से की और कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना जीवन गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिर मुंडवा रखा था। झारखंड के मुख्यमंत्री ने खुद आम लोगों का अभिवादन किया और भोजन व्यवस्था का निरीक्षण किया।
2,500 से ज्यादा जवानों की तैनाती
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बाबा रामदेव ने रूपी सोरेन के पैर छुए। कद्दावर नेताओं की मौजूदगी के कारण सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। लोगों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के प्रबंधन के लिए नेमरा में कंट्रोल रूप स्थापित किया गया था। सुरक्षा के लिए 10 आईपीएस अधिकारी, 60 पुलिस उपाधीक्षक, 65 निरीक्षक और 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
लोगों के लिए तगड़े इंतजाम
लाखों लोगों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था अभूतपूर्व रही। गांव तक आने-जाने के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा चलाए गए। छह बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए, जहां 8000 से अधिक वाहनों की व्यवस्था थी। वीवीआईपी वाहनों के लिए अलग से पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए। बिजली बाधित न हो, इसके लिए 200 जनरेटर लगाए गए। धूप और बारिश से बचाने के लिए मार्गों पर शेड और पगोडे बनाए गए।
लोगों के सहयोग के लिए जताया आभार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन के श्राद्ध संस्कार भोज में शामिल होने के लिए राज्य के कोने - कोने से आए लोगों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि बाबा जब नई दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन कठिन परिस्थितियों में राज्य वासियों का हमारे परिवार को संबल प्राप्त हुआ उसे कभी भूल नहीं सकता हूं। लोगों ने बाबा की जिंदगी के लिए दुआएं की लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और मंजूर था।
पथ प्रदर्शक के रूप किए जाएंगे याद
हेमंत सोरेन ने आगे कहा- आज दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके श्राद्ध भोज में लाखों लोगों के शामिल होने से हमें और हमारे परिवार को काफी आत्मबल मिला। राज्य की जनता जिस तरह हमारे साथ हर पल मौजूद रही वह बताने के लिए काफी है कि लोगों का 'बाबा' से कितना गहरा लगाव था। 'बाबा' भले ही हमें छोड़कर चले गए हैं लेकिन पथ प्रदर्शक के रूप में वे सदैव याद रखे जाएंगे।
(पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के साथ)





