कोल्हान विश्वविद्यालय में 12 करोड़ से बनेगा ट्राइबल म्यूजियम, एचआरडी ने विश्वविद्यालय से मांगी रिपोर्ट
कोल्हान विश्वविद्यालय में 12 करोड़ की लागत से ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण होगा। एचआरडी ने विश्वविद्यालय को एक महीने में रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। म्यूजियम में जनजातियों की सामग्री, रीति-रिवाज और...

सरायकेला, संवाददाता। कोल्हान विश्वविद्यालय में 12 करोड़ से ट्राइबल म्यूजियम भवन का निर्माण होगा। इसे लेकर एचआरडी ने विश्वविद्यालय को एक माह के अंदर रिपोर्ट तैयार कर भेजने का आदेश दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। म्यूजियम भवन के पहले तल्ले पर ‘हो जनजाति से जुड़ी सामग्री के अलावा रहन-सहन रीति-रिवाज की विस्तृत जानकारी रहेगी। दूसरे तल्ले में संथाली का विवरण रहेगा, जबकि तीसरे तल्ले में कुड़माली भाषा को लेकर सामग्री तैयार होगी। इसमें सदियों से चले आ रहे आदिवासियों के रीति-रिवाज को भी संग्रहित किया जाएगा।
मालूम हो कि कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तत्कालीन कुलपति डॉ. गंगाधर पंडा के प्रयास से ट्राइबल म्यूजियम की स्वीकृति मिल चुकी थी। इसे लेकर प्रस्ताव पारित हो गया था, पर भवन का अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी थी। दोबारा एक बार एचआरडी ने विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर ट्राइबल म्यूजियम को लेकर विवरण मांगा है।
विश्वविद्यालय परिसर में एक एकड़ में बनेगा भवन : कोल्हान विश्वविद्यालय परिसर में ही भवन का निर्माण होगा। इसे लेकर जमीन भी चिन्हित हो चुकी है। लगभग एक एकड़ जगह में भवन का निर्माण होगा। इसकी पहले से ही डीपीआर तैयार कर दी गयी है। जल्द फंड की स्वीकृति होगी और भवन का निर्माण होगा।
राज्य में पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां ट्राइबल संग्रहालय बनेगा :
राज्य में पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां पर ट्राइबल संग्रहालय अलग से बनाया जा रहा है। इससे पहले अभी तक ट्राइबल भवन अलग से किसी भी विश्वविद्यालय में तैयार नहीं किया गया है। हालांकि, वर्तमान समय में कोल्हान विश्वविद्यालय के टीआरएएल विभाग में अलग से ट्राइबल भवन चल रहा है। लेकिन अलग से भवन नहीं होने के कारण पीजी विभाग में ही संचालित हो रहा है। इसमें आदिवासी जनजाति के लोगों के रहन-सहन और रीति- रिवाज को संग्रहित किया गया है।
कोट-
कोल्हान विश्वविद्यालय परिसर में पहले ट्राइबल भवन बनेगा। 12 करोड़ से भवन का निर्माण होगा। इसे लेकर सरकार ने विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मांगी है। एक माह के अंदर रिपोर्ट तैयार कर एचआरडी को भेजा जाएगा। फाइनल स्वीकृति मिलने के पश्चात भवन का निर्माण आरंभ हो जाएगा। वर्तमान में पीजी विभाग में ट्राइबल म्यूजियम चल रहा है, पर इसका अतिरिक्त भवन नहीं है। अब अलग से भवन का निर्माण होने से स्थानीय लोगों व विद्यार्थियों को लाभ होगा होगा।
-डॉ. पी सियाल, कुलसचिव, कोल्हन विश्वविद्यालय
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