Hindi Newsझारखंड न्यूज़सराईकेलाThe ambitious 64 crore start irrigation project of Kharsawan will start again the MLA did Bhoomi Pujan

खरसावां के महात्वाकांक्षी 64 करोड़ की सुरू सिंचाई परियोजना का कार्य पुनः होगा शुरू, विधायक ने किया भूमिपूजन

खरसावां के महात्वाकांक्षी 64 करोड़ की सुरू सिंचाई परियोजना का कार्य पुनः होगा शुरू,...

Newswrap हिन्दुस्तान, सराईकेलाFri, 4 Feb 2022 05:40 PM
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खरसावां । संवाददाता

खरसावां की महात्वाकांक्षी 64 करोड की सुरू सिंचाई परियोजना का कार्य एक बार फिर से शुरू होगा। शुक्रवार को विधायक दशरथ गागराई ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोहर प्रसाद के साथ कार्य शुरू करने के लिए भूमिपूजन किया।

गागराई ने कहा कि राज्य सरकार सुरू सिंचाई परियोजना को पूर्ण कराने के लिए प्रयासरत है। परियोजना के पूर्ण होने पर 4800 हेक्टेयर जमीन को वर्ष भर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार खरसावां व कुचाई के हजारों किसानों को है। योजना को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

11.92 करोड़ की लागत से शुरू हुई थी परियोजना : बता दें कि सरकार ने खरसावां के दक्षिण क्षेत्र को सिंचित करने के लिए शुरू सिंचाई की परिकल्पना सन 1982 में की गयी। 11.92 करोड़ की लागत से इस योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, पर वन विभाग के विवाद के कारण आगे नहीं बढ़ा। वर्ष 2003 में नागार्जुन कंस्ट्रक्शन के साथ विभाग ने 49.60 करोड़ सैटर्न प्रगति के आधार पर इस योजना का करार किया, पर विभागीय लापरवाही के कारण पुन: लटक गया। वर्ष 2013 में जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार द्वारा पुनः टेंडर कराया गया और परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी वशिष्टा कंट्रक्शन कंपनी को दी गयी। लगभग 80 के दशक में परियोजना की लागत 11.92 करोड़ थी, जो बढ़कर 64 करोड़ पहुंच गयी। योजना को पूर्ण करने के लिए दो वर्ष का समय दिया गया, नौ 9 वर्षों के बाद भी परियोजना अधूरा पड़ी है। मात्र दस करोड़ की लागत से वशिष्टा कंट्रक्शन कंपनी को डैम का काम पूरा करने की जिम्मेदारी दी है।

सुरू सिंचाई परियोजना में 29 करोड़ हो चुके हैं खर्च

सुरू सिंचाई परियोजना पर अततक 29 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। लेकिन, मात्र 44 प्रतिशत काम पूरा हुआ है, लगभग 56 प्रतिशत अधूरा है। परियोजना साइट पर गत 20 मई 2019 को हुई नक्सली घटना के बाद से निर्माण कार्य बंद पड़ा है। इस योजना पर 64 करोड़ रुपये खर्च होना है।

भूमिपूजन के दौरान मुख्य रूप से अमर सिंह हांसदा, सोयना सरदार, भवेश मिश्रा, राजेन लोहार, भवेश मिश्रा, सुरज अग्रवाल, अर्जुन गोप, अरूण जामुदा, अजय सामड, प्रदीप हांसदा, कालीचरण बानरा, मो. सलाम, लालू हांसदा, राम हांसदा, नागेन सोय, दिलदार हेम्ब्रम, मेघना सरदार, मुकूद सिंहदेव आदि मौजूद थे।

2009 तक खर्च पर एक नजर

वन विभाग की भूमि का मुआवजा : 9 करोड़ 84 लाख 89 हजार।

पेड़ पोधों की क्षतिपूर्ति राशि : 69.93 लाख।

जिला भू अर्जन पदाधिकारी को भुगतान मार्च 2007 तक- 97.6 लाख।

1990 के पूर्व हुआ खर्च : 55.14 लाख।

नागार्जुन कंस्ट्रक्शन को दी गई राशि : 77.87 लाख।

कार्य की प्रगति : मात्र दो प्रतिशत

वर्ष 2009 तक योजना पर खर्च : 13.54 करोड़

सिंचाई योजना की पटवन क्षमता

प्रस्तावित जल ग्रहण क्षेत्र: 63.455 वर्ग किमी.

लंबाई: 165.85 मीटर

ऊंचाई: 35.06 मीटर

जलाषय क्षमता: 277.98 हें. मीटर

खरीफ फसल की सिंचाई: 293.5 हेक्टेयर

रबी फसल की सिंचाई: 1506 हेक्टेयर

नहर की लंबाई: 11.61 किलोमीटर

अधिकतम स्पाकित जलश्राव: 987 क्यूसेक

मानसून वर्षा: 2382.70 एम एम

डूब क्षेत्र: 296.72 हेक्टेयर

डूब गांव: लखीनडीह, चैतन्यपुर, रेयाडढ़ा

कई गांवो में छाती हरियाली

सुरू सिंचाई परियोजना के पूरा होने पर खरसावां प्रखंड के हुडांगदा, पतपत, रिडीगदा, नारायणबेडा, काटांडीह, टांकोडीह, बरजूडीह, हरिभंजा, रामपुर एवं कुचाई प्रखंड के पुनीबुडी दामादिरी सहित कई गांव लाभान्वित होते। इस योजना का इंतजार किसानों को लंबे समय से हैं। इसके पूरा होने पर सालों भर खेतों में हरियाली होती।

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