कुचाई में ग्राम सभा के सशक्तिकरण व वन अधिकार पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
कुचाई प्रखंड सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्राम सभा को सशक्त बनाना और वन अधिकार अधिनियम पर चर्चा करना था। विभिन्न पंचायतों के 77 ग्राम प्रधानों सहित कई...
सरायकेला/कुचाई: जिले के कुचाई प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु चरण देवगम की अध्यक्षता में प्रखंड के ग्राम सभाओं की प्रधान,मुंडा,मानकी एवं अन्य लोगों के साथ ग्राम सभा की सशक्तिकरण एवं वन अधिकार अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। टीआरसीएससी के सहयोग से आयोजित उक्त कार्यशाला में कुचाई प्रखंड के विभिन्न 6 ग्राम पंचायतों के 77 ग्राम प्रधान समेत जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में सुधीर पाल,सोहन लाल कुम्हार,राजेश महतो,भारत सिंह मुंडा व प्रकाश भुइयां समेत अन्य थे। इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया। कुचाई के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत और पूरे कार्यक्रम का विधिवत संचालन किया। इसके बाद टीआरसीएससी संस्था के सचिव मानस कुमार दास ने संस्था के गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए प्रखंड के चार पंचायतों में स्वयं परियोजना के अंतर्गत बाल संरक्षण एवं सशक्तिकरण को लेकर चल रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में चर्चा किया। उन्होंने बताया गांव में ग्राम सभा को सशक्त बनाकर उनकी बैठकों में बच्चों से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता देना जरूरी है क्योंकि बच्चे ही भविष्य के निर्माता है। इसके बाद जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों ने विभागों द्वारा गांव व ग्रामीणों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए लाभ लेने की अपील की। सोहनलाल कुम्हार एवं अन्य वक्ताओं ने ग्राम सभा के सशक्तिकरण एवं वन अधिकार पर विस्तार से चर्चा किया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता सुधीर पाल ने बताया कि ग्राम सभा एक ऐसा मंच है जहां ग्रामीण अपने समुदाय को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों जैसे विकास परियोजनाओं,बजट और सामाजिक कल्याण पर चर्चा और निर्णय ले सकते हैं। हालांकि जागरूकता और आत्मविश्वास की कमी के कारण ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लेने में महिलाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम सभा कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को ग्राम की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी प्रदान करके इन चुनौतियों का समाधान करना था। उन्होंने ग्राम सभा की भूमिका एवं अधिकार पर चर्चा करते हुए पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं के कार्यों व शक्तियों की जानकारी दी। कहा ग्राम सभा सर्बोपरि है जिसका निर्णय प्रखंड स्तर या जिला स्तर के सभी अधिकारियों को मानना होगा लेकिन ग्राम सभा विधिवत होनी चाहिए। इसके लिए प्रत्येक गांव में ग्राम सभा नियमित रूप से होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वयं परियोजना द्वारा बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण पर कार्य हो रहा है इसलिए ग्राम सभा में बच्चों के संरक्षण एवं सशक्तिकरण पर भी चर्चा होनी चाहिए। बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार पर कैसे रोकथाम हो,बच्चों का स्कूल में ठहराव कैसे हो,बाल विवाह कैसे रुके, बच्चों के प्रति घरेलू हिंसा को कैसे कम करें इन सब मुद्दों पर ग्राम सभा में भी चर्चा होना चाहिए। मौके पर संस्था के सुरेश प्रसाद साहू,साधना बीरबंशी,श्रीमंत मंडल,विकास कुमार दारोगा,साधु चरण महतो,अम्बुज महतो,माधुरी हाइबुरु,फूलमानी,सीता,तुलसी,हेमंती व सुमंती समेत अन्य उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।