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14 दिनों बाद प्रभु जगन्नाथ के नव यौवन रूप के हुए दर्शन

14 दिनों बाद शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ नव यौवन रूप में भक्तों को दर्शन दिये। वैदिक मंत्रोचार बीच खरसावां के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र,...

14 दिनों बाद प्रभु जगन्नाथ के नव यौवन रूप के हुए दर्शन
हिन्दुस्तान टीम,सराईकेलाFri, 09 Jul 2021 06:21 PM
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खरसावां। संवाददाता

14 दिनों बाद शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ नव यौवन रूप में भक्तों को दर्शन दिये। वैदिक मंत्रोचार बीच खरसावां के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं सुदर्शन का नेत्र उत्सव हुआ और प्रभु के नव यौवन रूप के दर्शन की रस्म अदायगी की गयी। इस दौरान प्रभु जगन्नाथ के जय घोष, शंख ध्वनि एवं पारंपरिक, उन ध्वनि (हुलहुली) के बीच चतुर्थ मूर्ति के आलौकिक नवजीवन रूप के दर्शन पाकर भक्त धन्य हो गये। पूजा के साथ-साथ हवन किया गया। चतुर्था मूर्ति पर मिष्ठान एवं अन्य भोग चढ़ाया गया। मंदिर में 14 दिनों तक अन्नसर गृह में विश्राम के बाद शुक्रवार को भगवान जागृत हुए।

नेत्र उत्सव पर आरजू-विनती कर भगवान को शयन से जगाया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, मधु और पवित्र जल से भगवान को अभिषेक किया गया। विभिन्न तरह के फूल, रोड़ी, गुलाल से भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी। इसके बाद भगवान को विभिन्न तरह के भोग चढ़ाये गये। इसके बाद भगवान का पट कुछ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गया।

नेत्र उत्सव पर भी दिखा कोविड-19 का असर

प्रभु जगन्नाथ के नेत्र उत्सव में भी कोविड-19 का असर दिखा। सरकार के निर्देशों का पालन किया गया। मंदिरों में पूजा के दौरान भी भक्त नहीं पहुंचे। सिर्फ एक या दो श्रद्धालु ही पूजा में देखे गए। श्रद्धालुओं ने घर में ही पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। मंदिरों में पूजा के दौरान सिर्फ पुरोहित और एक-दो श्रद्धालु ही नजर आए।

रथ यात्रा पर नहीं होगा मेला

खरसावां में इस वर्ष रथयात्रा पर मेला का आयोजन नहीं होगा। खरसावां सीओ मुकेश मछुआ ने निर्देश पर खरसावां में लाउड स्पीकर से प्रचार प्रसार किया गया। कोविड-19 को लेकर इस संबंध में निर्देश जारी किया गया। आगामी 12 जुलाई को रथयात्रा है।

एक पखवाड़े के बाद खुले जगन्नाथ मंदिर के कपाट

आगामी 24 जून को देव स्नान के बाद शुक्रवार को एक पखवाड़े के बाद खरसावां के सभी जगन्नाथ मंदिरों के कपाट खुल गए।

पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ पालन

खरसावां के राजमहल स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित नेत्र उत्सव पूजा में खरसावां राजघराने के राजकुमार गोपाल नारायण सिंहदेव, राजपुरोहित आदि उपस्थित थे। नेत्र उत्सव सादगी से मनाया गया। परंपरा के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जानी है। बहन सुभद्रा, भाई बलराम के साथ भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हुए मौसी बाड़ी जाएंगे। लेकिन रथयात्रा निकाले जाने पर संशय बरकरार है।

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