Former Prime Minister Manmohan Singh s Legacy Sahibganj Port Development and Tributes डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में मिली थी साहिबगंज बंदरगाह की स्वीकृति, Sahibganj Hindi News - Hindustan
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डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में मिली थी साहिबगंज बंदरगाह की स्वीकृति

साहिबगंज में बंदरगाह निर्माण की स्वीकृति तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मिली थी। 2013 में आवंटन के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार के तहत निर्माण प्रक्रिया में तेजी आई। बंदरगाह का उद्घाटन...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजFri, 27 Dec 2024 11:14 PM
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डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में मिली थी साहिबगंज बंदरगाह की स्वीकृति

साहिबगंज। साहिबगंज में बंदरगाह निर्माण की स्वीकृति तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मिली थी। नवम्बर 2013 में इसके लिए पहली बार आवंटन स्वीकृत हुआ था। हालांकि करीब छह महीनों के बाद लोकसभा चुनाव हुए और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनी । उसके बाद यहां समदा में मल्टी मॉडल बंदरगाह निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आई। जमीन अधिग्रहण समेत अन्य प्रक्रिया को पूरी कर विधिवत बंदरगाह निर्माण का काम शुरू हुआ। साहिबगंज में बंदरगाह बनने की स्वीकृति मिलने की खबर डॉ मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशालय में बतौर चेयरपर्सन अमिताभ वर्मा ने चार नवम्बर 2013 को गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को दी थी। दैनिक हिन्दुस्तान के छह नवम्बर 2013 के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। दरअसल, केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम ने साहिबगंज गंगा तट पर बंदरगाह बनाने की मंजूरी देते हुए इसके लिए पहली बार 171 करोड़ रुपए के आवंटन की मंजूरी दी थी। बंदरगाह के जमीन अधिग्रहण के लिए अलग से राशि देने की बात कही गई थी। इस मामले में गोड्डा सांसद ने उस समय प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले में पत्र लिखा था । सांसद के पत्र पर पीएमओ ने झारखंड सरकार को बंदरगाह निर्माण के लिए शीघ्र आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा था। उधर, बाद में जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर समदा में रिकार्ड समय में बंदरगाह के प्रथम फेज के निर्माण कार्य पूरा हुआ। समदा बंदरगाह का उद्घाटन 12 सितम्बर 2019 को तत्कालीन केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)मनसुख मंडाविया ने किया था।

डॉ. मनमोहन सिंह से हुई इन तीन मुलाकात को याद कर भावुक हुए हेमलाल

साहिबगंज। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार को झामुमो ने समर्थन दिया था। 2004 लोकसभा चुनाव में झामुमो के पांच सांसद चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। राजमहल से हेमलाल मुर्मू सांसद थे। झामुमो के वरीय नेता हेमलाल मुर्मू बताते हैं कि बतौर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से अपने सांसद कार्यकाल में कमसे कम सात बार मिलने का मौका मिला था। हालांकि उनमें से तीन मौका ऐसे हैं जो उनके रजनीतिक जीवन में आज भी यादगार बना है। 2008 में परमाणु संधि को लेकर बामपंथी दलों ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। केंद्र सरकार को समर्थन देने वाले तमाम घटक दलों से डॉ. मनमोहन सिंह ने बारी-बारी से मुलाकात कर कर रहे थे। इसी क्रम में वे गुरुजी शिबू सोरेन के साथ प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से उनके सरकारी आवास पर मिलने गए थे। करीब 25 मिनट की मुलाकात में उस समय के राजनीतिक परिस्थिति पर उनसे चर्चा हुई थी। इसी प्रकार परिसीमन के चलते झारखंड में घट रही एसटी लोस सीटों को बचाने एवं तत्काल परिसीमन को लागू होने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से गुरुजी शिबू सोरेन के नेतृत्व में मिलने झामुमो शिष्टमंडल के साथ उनके आवास पर गए थे। उन्होंने हरहाल में आदिवासी सीटों को घटने नहीं देने का भरोसा दिया और तुरंत इसके लिए ठोस पहल की। नतीजा यही रहा कि देश में परिसीमन लागू होने के बावजूद झारखंड उससे अलग रहा। दिसम्बर 2009 में झारखंड में शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों के समर्थन के सिलसिले में पार्टी का शिष्टमंडल उस समय डॉ. मनमोहन सिंह से मिले थे। उस शिष्टमंडल वे भी थे। बेहद आत्मीय भाव से सबों से मिलने वाले डॉ. मनमोहन सिंह किसी भी विषय पर एक-एक शब्द बेहद नपे-तुले अंदाज में बोलते थे।

कलेक्ट्रेट में आधे झुकाये गए राष्ट्रीय ध्वज

साहिबगंज। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिनों का राजकीय शोक मनाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार का आदेश मिलते ही शुक्रवार को समाहरणालय , एसपी कार्यालय समेत यहां के अन्य तमाम भवनों जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते हैं, आधे झुका दिए गए हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार के राजकीय समारोह का आयोजन नहीं होगा। इसबीच डीडीसी सतीशचंद्र ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर विकास भवन में पदाधिकारियों व कर्मियों ने शोकसभा कर उनको श्रद्धांजलि दी । उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2025 तक जिला में राजकीय शोक रहेगा।

शिक्षा परियोजना कार्यालय में भी हुई शोकसभा

साहिबगंज। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में शोकसभा हुई। मौके पर डीईओ दुर्गानंद झा के अलावा जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मियों ने हिस्सा लिया। मौके पर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।शोक सभा में एडीपीओ विजय कुमार, एपीओ संजय तिवारी, जेई अनिरूद्ध प्रसाद, मनीष कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार पांडेय आदि थे।

विभिन्न संगठनों ने श्रद्धांजलि:

हमने देश ही नहीं विश्व के कोहिनूर को खो दिया है।

डॉ मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को इस तरह से समायोजित की हर अंतिम व्यक्ति के घर में धन रुकने लगा।

उनका निधन देश के लिए अपूर्णीय क्षति है।

मो कलीमुद्दीन

उपाध्यक्ष

जिला कांग्रेस कमेटी

आर्थिक सुधारों के जनक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की आम जनता एवं वित्त मंत्री के रूप में देश की प्रगति में अहम योगदान दिया ।

राजेश अग्रवाल

अध्यक्ष, ईस्टर्न झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

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