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रैन बसेरा रहने के बाद भी जहां तहां रात बीता रहे गरीब-गुरबा

साहिबगंज। साहिबगंज में गरीब-गुरबों को ठंड से बचाने की कोई माकूल व्यवस्था प्रशासन की ओर से अबतक नहीं हो सकी है। कड़ाके की ठंड में भी बेघर बार वाले लोग...

रैन बसेरा रहने के बाद भी जहां तहां रात बीता रहे गरीब-गुरबा
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,साहिबगंजMon, 13 Dec 2021 10:11 PM
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साहिबगंज। साहिबगंज में गरीब-गुरबों को ठंड से बचाने की कोई माकूल व्यवस्था प्रशासन की ओर से अबतक नहीं हो सकी है। कड़ाके की ठंड में भी बेघर बार वाले लोग खुले आसमान के नीचे, किसी पेड़ या झोपड़ी के पास तो रेलवे स्टेशन परिसर में रात बीताने को विवश हैं। नगर परिषद की ओर से भी बेघर लोगों की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है। हालांकि नगर परिषद की ओर से ऐसे लोगों के ठहरने के लिए दो रैन बसेरा बनाया गया है। दोनों रैन बसेरा शहर के अंतिम छोड़ पर सिदो कान्हू स्टेडियम के पास बनाने से वहां जाने से गरीब गुरबा कतराते हैं या फिर कई लोगों को तो इसकी जानकारी नहीं रहने से वे रैन बसेरा तक पहुंच भी नहीं पा रहे हैं।

फोटो 10, स्टेडियम के पास बना आश्रय गृह।

दो रैन बसेरा में सौ सीट उपलब्ध

नगर परिषद की ओर से सिदो कान्हू स्टेडियम के पास स्थित बस स्टैंड परिसर में दो रैन बसेरा का निर्माण कराया गया है। एक महिलाओं के लिए तो दूसरा पुरूषों के लिए। दोनों में 50-50 सीट है। इसका संचालन एक स्वयंसेवी संस्था को नगर विकास विभाग के डेएनयूएलएम की ओर से दिया गया है। उनके प्रतिनिधि ही इसका संचालन करते हैं। सिर्फ मॉनिटरिंग नप को करना है। बीते दो साल से एक रैन बसेरा को कोविड-19 के कारण बतौर क्वारंटीन सेंटर के रूप में उपयोग किया जा रहा है। बचे एक रैन बसेरा महिला रैन बसेरा में ही प्रथम तल को पुरूषों के लिए व द्वितीय तल को महिलाओं के लिए रखा गया है। पुरूषों के लिए सिर्फ 25 सीट व महिलाओं के लिए 15 सीट ही फिलहाल उपलब्ध है।

रेस्क्यू कर लाया जाता था रैन बसेरा

कोविड-19 के पहले जाड़े के मौसम में नगर परिषद डेएनयूएलएम की टीम की ओर से रात को रेलवे स्टेशन, बस पड़ाव, सब्जी मंडी, गोड़ाबाड़ी हाट आदि का भ्रमण कर वहां सोने वालों को रेस्क्यू कर रैन बसेरा पहुंचाया जाता था। लेकिन यह काम वर्ष 2020 से थम सा गया है। दरअसल, दो साल तो रैन बसेरा को अधिकांश समय कोविड के क्वारंटीन सेंटर के रूप में उपयोग किया गया है। इधर, कुछ माह पहले एक रैन बसेरा खाली कर नप को दिया गया है। अब ठंड बढ़ने के बाद रैन बसेरा संचालक संस्था के सहयोग से बेघर लोगों को रैन बसैरा तब लाने का प्रयास होगा।

रैन बसेरा में अभी 40 सीट उपलब्ध है। यह उन गरीब गुरबों के लिए है जिनका कोई घर ठिकाना नहीं है। यहां वे अपना कोई भी पहचान पत्र दिखा कर रात बीता सकते हैं।

प्रदीप कुमार बोबांग

सीएमएम

नप साहिबगंज

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