Hindi NewsJharkhand NewsSahibganj NewsChait Navratri 2023 Celebrations Begin on March 30 with Public Puja and Cultural Events

चैती दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटे भक्त 30 को कलश स्थापना

साहिबगंज में वासंतिक यानि चैत नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रहा है। इस बार नवरात्र आठ दिनों का होगा। मां दुर्गा की पूजा में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। चार प्रमुख स्थलों पर भव्य आयोजन होंगे। चैती छठ महापर्व...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजWed, 19 March 2025 01:34 AM
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चैती दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटे भक्त 30 को कलश स्थापना

साहिबगंज। वासंतिक यानि चैत नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रहा है। इस दिन दोपहर 2.14 बजे तक प्रतिपदा है । इसी दिन वासंतिक नवरात्र के कलश स्थापित किये जायेंगे। चैत शुक्ल प्रतिपदा यानि नवरात्र के पहले दिन से ही हिन्दी यानि हिन्दू नववर्ष भी शुरू जायेगा। शहर में मुख्य रूप से चार स्थानों पर सार्वजनिक रूप से चैत नवरात्र का आयोजन होता है। कई लोग अपने घरों में कलश स्थापित कर नवरात्र अनुष्ठान करेंगे। शहर के सकरूगढ़ चैती दुर्गा मंदिर, रसुलपुर दहला चैती दुर्गा स्थान में चैती दुर्गा पूजा बड़े पैमाने पर होगा। स्थानीय चौक बाजार दुर्गा स्थान व जिरवाबाड़ी तुरी टोला में भी भव्य तरीके से चैती दुर्गा पूजा का आयोजन होगा। सकरूगढ़ में नवीन कला मंदिर इसका सबसे भव्य आयोजन करता रहा है। यहां भव्य देवी प्रतिमा स्थापित होगी और पूरे नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी। साज सज्जा भी आकर्षक होता है। यहां दो तीन मेला लगेगा। वही रसुलपुर दहला चैती दुर्गा पूजा इस साल अपना 50 वां साल मना रहा है । इस बार यहां का आयोजन भी भव्य होने वाला है। यहां भी देवी प्रतिमा, सजावट आकर्षक होगी। चौक बाजार व तुरी टोला में भी प्रतिमा स्थापित होगी। सभी पूजा समिति आयोजन की तैयारी में जुट गए हैं।

आठ दिन का होगा चैत नवरात्र

चैत नवरात्र में इस साल एक तिथि का क्षय होने के कारण यह आठ दिनों का होगा। विभिन्न पंचांगों के अनुसार, इस साल भी नवरात्र की एक तिथि का क्षय हो रहा है यानि नवरात्र की दो तिथियां संभवत एक ही दिन पड़ेगी तो नवरात्र आठ दिनों का ही होगा। हलांकि कोई पंचांग पंचमी तिथि तो कोई तृतीया व चतुर्थी तिथि एक ही दिन होने की तो किसी अन्य पंचांग में अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन होने की बात कही जा रही है। कुल मिलाकर इस बार भी नवरात्र पर एक तिथि का क्षय होने से आठ दिनों का ही होगा। पंडित धनेश तिवारी के अनुसार तृतीया-चतुर्थी एक ही दिन है। उधर, पुरोहित पंकज कुमार पांडेय के अनुसार चैत नवरात्र की अष्टमी व नवमी तिथि एक दिन होगी। इस कारण इस बार नवरात्र आठ दिनों का ही होगा। हलांकि छह अप्रैल रविवार को रामनवमी है। इस दिन रात 11.13 बजे तक नवमी रहेगी, उसके बाद से दशमी लग जायेगी। मध्याह्म काल में नवमी मिलने के कारण इसी दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जायेगा।

मां दुर्गा हाथी पर आयेंगी

चैत्र नवरात्र पर्व मां दुर्गा की शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। इस अवधि में जगत जननी के नौ नौ रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। इस साल चैत्र नवरात्र रविवार को शुरू हो रहा है तो मां दुर्गा की सवारी हाथी होगी। देवी मां का गमन भी हाथी पर होगा। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत शुभ माना जाता है। यह शांति और समृद्धि का प्रतीक है। चैत्र नवरात्र में घटस्थापना का मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 06.13बजे से 10.22 बजे तक का रहेगा। यह अभिजीत मुहूर्त होगा।

चैती छठ का पहला अर्घ्य तीन अप्रैल को होगा

साहिबगंज। चार दिवसीय चैती छठ महापर्व एक अप्रैल से शुरू हो जायेगा। पहला दिन नहाय खाय यानि कद्दू भात होगा। इस दिन व्रती प्रात: स्नान-ध्यान कर कद्दू, दाल, चावल आदि तैयार कर इसे भगवान को अर्पित करेंगी और फिर स्वयं इसे ग्रहण करेंगी। उसके बाद प्रसाद स्वरूप इसका वितरण होगा। दो अप्रैल को खरना है । इस दिन दिनभर उपवास रखने के बाद शाम में भगवान की पूजा-अर्चना कर खीर-रोटी सहित अन्य नैवेद्य स्वरूप व्रती अर्पित कर ग्रहण कर प्रसाद स्वरूप वितरण होगा। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा। तीन अप्रैल को चैती छठ का पहला अर्घ्य दान अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया जायेगा। चार अप्रैल को उदयाचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा और इसका निस्तार हो जायेगा।

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