आदिवासी सभ्यता-संस्कृति को संरक्षित करना सबकी जिम्मेदारी: डॉ बीपी वर्मा
रांची के एसएस मेमोरियल कॉलेज में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। प्राचार्य डॉ बीपी वर्मा ने आदिवासी जीवन शैली और संस्कृति की सादगी पर जोर दिया। कॉलेज के विद्यार्थियों ने आदिवासी भाषा, साहित्य...
रांची, विशेष संवाददाता। एसएस मेमोरियल कॉलेज में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। कॉलेज में आयोजित समारोह में प्राचार्य डॉ बीपी वर्मा ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों व मूलनिवासियों के जीवन दर्शन को बहुत नजदीक से देखा है। इनका आचार, विचार, व्यवहार, जीवन शैली सादगीपूर्ण है। डॉ वर्मा ने कहा कि आदिवासियों की जीवनचर्या व संस्कृति सामूहिकता व एकता पर आधारित है। आदिवासी समाज आदि काल से ही प्रकृतिपूजक रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की परंपरा, सभ्यता व सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना सबकी जिम्मेदारी है। डॉ समर सिंह, डॉ मंजु सिंकू व डॉ त्रिभुवन साही ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कॉलेज के विद्यार्थियों ने आदिवासी भाषा, साहित्य व संस्कृति से संबंधित नागपुरी, कुड़ुख, हो, गीत-संगीत की शानदार प्रस्तुति दी। जीतन खलखो, अर्चना कुमारी ने अपनी प्रस्तुतियों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्र अरविंद राम व शुभम पासवान ने आदिवासी जीवन दर्शन पर चर्चा की। मौके पर सबने झारखंड के पारंपरिक खानपान का भी लुभ्त उठाया। संचालन डॉ सावित्री बाड़ाईक व डॉ संगीता कुमारी ने किया।
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